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विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा और सफाई दोनों खतरे में

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षा मानकों के पालन में घोर लापरवाही बरती जा रही है। यही नहीं तमाम दिशा निर्देशों के बावजूद मंदिर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। रविवार को मंदिर के अंदर गंदे पानी...

विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा और सफाई दोनों खतरे में
वाराणसी। प्रमुख संवाददाताMon, 18 Jun 2018 12:11 PM
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श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में सुरक्षा मानकों के पालन में घोर लापरवाही बरती जा रही है। यही नहीं तमाम दिशा निर्देशों के बावजूद मंदिर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। रविवार को मंदिर के अंदर गंदे पानी में डूबे शिवलिंगों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सुरक्षा और सफाई से जुड़े सवाल फिर उठने लगे हैं।

लोगों में चर्चा है कि आखिर तमाम सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद मंदिर में मोबाइल या कैमरा कैसे गया। वहीं, लोगों में इस बात पर भी गहरी नाराजगी है कि मंदिर में स्थापित जिन शिवलिंगों की यथोचित पूजा होनी चाहिए वे गंदे पानी से घिरे हैं। मंदिर में नित्य दर्शन करने वाले नेमियों की मानें तो मंदिर के मुख्य मंडप के पश्चिमी हिस्से में स्थापित शिवलिंग विगत दो सप्ताह से भी अधिक समय से गंदे पानी से घिरे हैं। जब भी कोई भक्त इस बारे में पूछताछ करता है तो उनसे कहा जाता है कि यह गंगा जल ही है जो भक्तों द्वारा चढ़ाया जाता है। निकासी का रास्ता नहीं होने से जमा रहता है। 

मंदिर में यह स्थिति तब है जब करीब एक पखवाड़ा पूर्व राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी ने निरीक्षण करके मंदिर में व्याप्त गंदगी के लिए सीईओ विशाल सिंह को फटकार लगाई थी और मंदिर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराने का निर्देश दिया था। उसके बाद आनन-फानन में मंदिर प्रबंधन ने मंदिर सहित विश्वनाथ गली की साफ-सफाई का जिम्मा अपने ऊपर ले लिया था। गलियों की सफाई तो दूर मंदिर के अंदर शिवलिंग ही गंदे पानी से घिरे हैं। इस संबंध में काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन कॉल डायर्वट होने से बात नहीं हो सकी।

कमिश्नर के निर्देश पर पिछले दिनों विशेषज्ञों के दल के साथ मैं स्वयं विश्वनाथ मंदिर में सीवर लाइन का मुआयना करने गया था। सीवर लाइन बहुत पुरानी होने से खराब हो गई है। जिससे मंदिर में बदबू और जगह-जगह गंदा पानी जमा हो जा रहा है। इसे ठीक करने के लिए दिल्ली की एक कंपनी द्वारा सर्वे का काम शुरू किया जा चुका है। इस कार्य में मंदिर प्रबंधक का सहयोग करने के लिए नगर निगम तैयार है। 
डॉ. नितिन बंसल, नगर आयुक्त 

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