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साढ़े तीन हजार शोधों पर बड़ा आर्थिक संकट

बीएचयू में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं कला संकाय में हो रहे साढ़े तीन हजार से अधिक शोधों पर संकट आ गया है। विभिन्न संकायों और संस्थानों में 35 सौ...

साढ़े तीन हजार शोधों पर बड़ा आर्थिक संकट
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSun, 21 Nov 2021 03:12 AM
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वाराणसी। प्रमुख संवाददाता

बीएचयू में विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं कला संकाय में हो रहे साढ़े तीन हजार से अधिक शोधों पर संकट आ गया है। विभिन्न संकायों और संस्थानों में 35 सौ से अधिक शोधों को जारी रखने में शोधार्थियों के सामने धन का संकट है।

शोध छात्रों को बीते छह माह से शोधवृत्ति नहीं मिली है। छात्रों का आरोप है कि बीएचयू प्रशासन के पास भवन बनवाने, पहले से मजबूत फर्श पर टाइल्स बिछाने के लिए पैसे हैं, लेकिन यूजीसी द्वारा बजट न देने पर शोधछात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। छात्रों ने कई बार बीएचयू प्रशासन से इस बारे में संपर्क किया है, लेकिन नेट और रेट क्वालिफाइड छात्रों को प्रतिमाह आठ हजार रुपये नहीं मिल पा रहे हैं। कई शोध छात्र बहुत ही निर्धन परिवारों से हैं। स्थिति यह हो गई है की वे शोध के निमित्त सर्वे नहीं कर पा रहे हैं। यही नहीं बहुत से छात्र अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के फार्म भरने से भी वंचित रह जा रहे हैं।

कला संकाय में हिंदी विभाग के शोध छात्र मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि छात्रवृत्ति न मिलने से साढ़े तीन हजार से अधिक छात्रों को खाने के लाले पड़ गए हैं। बीएचयू में करोड़ों रुपए अनायास कामों में खर्च कर दिये जाते हैं, मगर शोध छात्रों के हक का लाख रुपया रोक दिया गया है। शोध छात्र अवनींद्र ने बताया कि उनके एकेडमिक खर्च इतना अधिक है कि घर से कितने पैसे मंगवाने पड़ते हैं। जीवन का गुजारा भी मुश्किल होने लगा है। कमरे का किराया और खाने के लिए उधार पैसा लेना पड़ा है। अभिषेक कुमार सिंह ने कहा कि तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं हो जाती हैं, जो अलग-अलग शहरों में होती हैं। इस स्थिति में छात्रों के पास कोई चारा नहीं है। शोधछात्र वैभव तिवारी, उत्कर्ष द्विवेदी, अंशुमान द्विवेदी, दिलीप कुमार मौर्य, देवराज सिंह ने भी ऐसी ही दिक्कतें गिनाई हैं। उधर बीएचयू के प्रभारी कुलपति प्रो. वीके शुक्ल और वित्त अधिकारी अभय ठाकुर से शिकायत की तो आश्वासन मिला है कि बीएचयू अपनी संचित निधि से छात्रों को छात्रवृत्ति मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है।

कोट

शोधछात्रों की समस्या के समधान के लिए बीएचयू प्रशासन संजीदगी से काम कर रहा है। बीएचयू की नियमावली के आलोक में छात्रों की समस्याओं के समाधान की कोशिश अंतिम चरण में। जल्द ही छात्रों को छात्रवृत्ति मिल जाएगी।

-डॉ. राजेश सिंह, पीआरओ, बीएचयू

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