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पीएचडी में प्रवेश के लिए अब छात्रा धरने पर बैठी

Varanasi News - बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में फिर से गड़बड़ी का आरोप लगा है। ईडब्ल्यूएस वर्ग की छात्रा अर्चिता सिंह ने आरोप लगाया कि उसे प्रवेश नहीं दिया जा रहा है ताकि एक चहेते छात्र को मौका मिल सके। छात्रा...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीFri, 18 April 2025 03:19 AM
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पीएचडी में प्रवेश के लिए अब छात्रा धरने पर बैठी

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में फिर गड़बड़ी का आरोप लगा है। गुरुवार को हिन्दी विभाग की ईडब्ल्यूएस वर्ग की छात्रा केंद्रीय कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गई। आरोप लगाया कि एक चहेते छात्र को प्रवेश देने के लिए जानबूझकर उसका प्रवेश रोका जा रहा है। हिन्दी विभागाध्यक्ष और परीक्षा नियंता सहित अन्य अधिकारियों ने छात्रा को समझाने का प्रयास किया मगर वह देररात तक धरने पर बैठी रही।

पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया को लेकर पिछले दिनों छात्रों के आरोप और आंदोलनों के कारण बीएचयू की काफी किरकिरी हुई। शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी के अलावा अनुसूचित जाति आयोग के सामने भी अधिकारियों को स्पष्टीकरण देना पड़ा। गुरुवार को हिन्दी विभाग की छात्रा अर्चिता सिंह के आरोपों ने प्रक्रिया में विभागीय मनमानी के आरोपों को फिर बल दे दिया।

छात्रा ने बताया कि पीएचडी प्रवेश की निर्धारित काउंसलिंग तिथि पर उपस्थित होकर उसने अपने सभी प्रमाणपत्र जमा किए थे। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) प्रमाण पत्र पिछले वर्ष का था। विभाग द्वारा मांगने पर छात्रा ने शपथपत्र दाखिल कर 31 मार्च तक यह प्रमाण पत्र जमा करने की बात कही। उसने 29 मार्च को नया ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र ईमेल और हार्डकॉपी दोनों माध्यमों से विभाग को सौंप दिया। छात्रा ने बताया कि प्रतीक्षा सूची में प्रथम स्थान पर होने के बावजूद उसे प्रवेश न देकर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक छात्र को प्रवेश देने की तैयारी की गई।

विभाग से उसे बताया गया कि अंडरटेकिंग या शपथ पत्र का कोई नियम नहीं है जबकि इसी तरह से कई छात्रों ने समय लेकर अपने प्रमाण पत्र जमा किए। छात्रा का प्रकरण प्रवेश समन्वय समिति को भेज दिया गया। अर्चिता ने बताया कि पिछले 15 दिनों से वह केंद्रीय कार्यालय के चक्कर काट रही है मगर कुलपति, कुलसचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से उसे कोई ठोस समाधान नहीं मिला। छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ ही अपनी शिकायत पीएमओ, शिक्षा मंत्रालय, महिला आयोग और प्रधानमंत्री के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय को भी भेजी है। उसने कहा कि प्रवेश मिलने तक वह धरना से नहीं हटेगी। देरशाम धरनास्थल पर छात्रा के साथी भी पहुंच गए थे।

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