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BHU Alumni Meet : महामना की बगिया से निकलीं आठ हस्तियों को किया सम्मानित, पीएम मोदी ने भेजा संदेश

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शुक्रवार को दो दिवसीय पुरा छात्र समागम (एलुमिनी मीट) की शुरुआत हुई। पहले सत्र में खगोल विद पद्मविभूषण प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर समेत आठ हस्तियों को सम्मानित...

BHU Alumni Meet : महामना की बगिया से निकलीं आठ हस्तियों को किया सम्मानित, पीएम मोदी ने भेजा संदेश
वाराणसी कार्यालय संवाददाताFri, 17 Jan 2020 11:41 PM
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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शुक्रवार को दो दिवसीय पुरा छात्र समागम (एलुमिनी मीट) की शुरुआत हुई। पहले सत्र में खगोल विद पद्मविभूषण प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर समेत आठ हस्तियों को सम्मानित किया गया। अंतरराष्ट्रीय बीएचयू पुरा छात्र समागम की सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुभकामना संदेश भेजा। उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री का शुभकामना संदेश पढ़ कर सुनाया गया। प्रधानमंत्री ने कामना की है कि यह समागम अपने उद्देश्यों की पूर्ति में सफल हो। इस दौरान होने वाले विचार विमर्श का लाभ समाज के विभिन्न क्षेत्रों तक पहुंचे।

उद्घाटन सत्र में आठ पुरा छात्रों को डिस्टिंगिइश्ड एलुमनी अवार्ड प्रदान किया। इनमें से सात पुरा छात्र समारोह में मौजूद थे। मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष के हाथों यह अवार्ड ग्रहण करने वालों में वयोवृद्ध वैज्ञानिक प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर, शास्त्रीय गायिका पद्मश्री सोमा घोष, वायलिन वादक डॉ. संगीता शंकर, वैज्ञानिक प्रो. संदीप वर्मा, वैज्ञानिक डॉ. अरविंद गुप्ता एवं लंदन के कारोबारी अनिरुद्र मिश्र शामिल थे। एक नाम राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश का है, जो समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।

इस सत्र में उपस्थित कई पुरा छात्रों का अभिनंदन भी किया गया। इनमें से ज्यादातर ने बीएचयू में प्रमुख पदों पर अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। इनमें साहित्य रत्न प्रो. रेवाप्रसाद द्विवेदी, प्रो. बीएम. शुक्ला, प्रो. अन्नपूर्णा शुक्ला, प्रो. आरके. मिश्र, पद्मश्री प्रो. ओएन. श्रीवास्तव, पद्मश्री प्रो. चूणामणि गोपाल, प्रो. आद्याप्रसाद पांडेय, प्रो. आनंद मोहन, प्रो. बच्चा सिंह, डॉ. रजनीश दुबे, डॉ. नीरज त्रिपाठी प्रमुख हैं। इन सभी को आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने प्रेक्षागृह में उनकी कुर्सियों तक जाकर उन्हें अंगवस्त्रम भेंट किया।

दो दिवसीय एलुमनी मीट के बैकबोन के रूप में काम करने वाले चार युवाओं को सर्टिफिकेट ऑफ एक्सिलेंसी अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया। सर्टिफिकेट पाने वालों में चंद्राणी मुखर्जी, हर्षित, राहुल और अभिषेक शामिल हैं।

जानिये सम्मानित हस्तियों के बारे में

प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर 
खगोल विद पद्मविभूषण प्रो. जयंत विष्णु नार्लीकर ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सर फ्रेड हॉयल सिद्धांत के लिए दुनिया भर में पहचाने जाते हैं। इन्होंने गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत विकसित किया। इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिज़िक्स के संस्थापक है। गणितज्ञ और सैद्धांतिक भौतिक विज्ञान के माहिर प्रो. नार्लीकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पुरा छात्र हैं।

हरिवंश 
सामाजि सक्रियता के लिए पहचाने जाने वाले हरिवंश वर्तमान में राज्यसभा के उपाध्यक्ष हैं। 2014 में संसद सदस्य के रूप में नामित किया गया था। हरिवंश ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और पत्रकारिता की पढ़ाई की तथा भारत के आठवें प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त मीडिया सलाहकार के रूप में कार्य भी किया। कई पुस्तकों का लेखन  भी किया।

प्रो. संदीप वर्मा
पेप्टाइड और धातु की मध्यस्थ प्रणाली अध्ययन के क्षेत्र में प्रो. संदीप वर्मा की पहचान है। विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (डीएसटी) के सचिव प्रो. वर्मा आरएच ची सोसाइटी ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज के साथ भी जुड़े हैं। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज के फैलो और इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज में उन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्राप्त है। 

डॉ. अरविंद गुप्ता
इलेक्ट्रानिक्स व कंप्यूटर इंजीनियरिंग से स्नातक डॉ. अरविंद गुप्ता साइबर सिक्योरटी जैसे क्षेत्र में जाने माने व्यक्ति हैं। डिजिटल समावेश, स्मार्ट सिटी, इंटरनेट गवर्नेंस, डेटा प्राइवेसी, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में काम किया। डिजिटल इंडिया फाउंडेशन का नेतृत्व  करने वाले गुप्ता डिजिटल मीडिया तथा भुगतान प्रणाली के माहिर हैं साथ ही वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के ग्लोबल फ्यूचर्स काउंसिल ऑन डिजिटल इकोनॉमी एंड सोसायटी के सदस्य भी हैं। 
 
डॉ. ओंकार राय
सूचना प्रौद्योगिकी और उससे जुड़े विविध पहलुओं के जानकार डॉ. ओंकार राय वर्तमान में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एसटीपीआई) के महानिदेशक है। उद्योग और शिक्षाविदों के बीच अंतर को कम करते हुए, डॉ। राय स्टार्टअप, उद्यमिता, नवाचार, सॉफ्टवेयर उत्पाद निर्माण और विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं।

पद्मश्री डॉ. सोमा घोष
पद्मश्री डॉ. सोमा घोष चक्रवर्ती को भारत की संसद में प्रस्तुति देने वाली पहली शास्त्रीय महिला गायक होने का श्रेय है। स्वतंत्रता सेनानी, मदन मोहन चक्रवर्ती और गायिका अर्चना चक्रवर्ती की बेटी, डॉ. घोष को भारत रत्न उस्ताद  बिस्मिल्लाह खान ने अपनी बेटी बनाया। ग्वालियर घराने शैलियी के गायिका को काशी कोकिला नाम दिया।
 
डॉ. संगीता शंकर
वायलिन वादन ने डॉ. संगीता शंकर को एक अलग पहचान दी। इनकी माता जी पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित प्रो. एन राजम है। डॉ. शंकर की बेटियां रागिनी और नंदिनी मां के ही नक्शे कदम पर चल रहीं हैं। भारतीय संगीत में वायलिन में योगदान दिया। सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में बच्चों को शिक्षित करने के लिए मिलाप पर काम कर रही हैं। यह संगीत और सौंदर्यशास्त्र की हस्ती हैं।
 
अनिरुद्ध मिश्रा
अनिरुद्ध मिश्रा खनन और विनिर्माण क्षेत्र में उद्यमशीलता में विशेषज्ञता के लिए जाने जाते हैं। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय धातुकर्म संसाधन एजी के सीईओ है। भारत में कोक, कोयला और सहायक कच्चे माल के निर्माण और व्यापार के लिए नव स्थापित इंडिया कोक एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी हैं। आईआईटी बीएचयू के सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की है।  

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