वाराणसी। निज संवाददाता
गोसाई विट्ठलनाथ जी प्रभुचरण प्राकट्य महोत्सव के उपलक्ष्य में शुक्रवार को शोभायात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा शुरू हुई। आठ दिवसीय कथा के पहले दिन आसभैरव स्थित अग्रवाल भवन में वृंदावन से आए कथा व्यास बसंत शास्त्री चतुर्वेदी ने भागवत के महात्म्य पर प्रकाश डाला।
पं. गणेश नारायण पालंदे जी के आचार्यत्व में अग्रवाल भवन में सुबह विधिवत पूजन के बाद शोभायात्रा निकाली गई। इसमें महाप्रभु वल्लभाचार्य, गोसाई विट्ठलनाथ की छवि और भागवत की पोथी शामिल थी। पांच महिलाएं कलश लेकर चल रही थीं। कीर्तन मंडली भजन कीर्तन कर रही थी। शोभायात्रा बुलानाला, ग्वालदास साहूलेन होते हुए चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर पहुंची, जहां पूजन अर्चन हुआ। इसके बाद शोभायात्रा पुन: अग्रवाल भवन पहुंची। इसके बाद पं. ईश्वरदत्त भट्ट एवं पं. दिनेश शुक्ल ने भागवत का संस्कृत में मूल पारायण किया। दोपहर तीन बजे के बाद भागवत कथा शुरू हुई, जो शाम तक चली। कथा व्यास बसंत शास्त्री चतुर्वेदी ने कहा कि मानव जीवन के मोक्ष से बढ़कर भागवत कथा है। कलयुग में जीवन का उद्धार भागवत से होगा। इससे जुड़ने वालों का कल्याण होता है। कथा गोपाल मंदिर के षष्ठ पीठाधीश्वर श्याम मनोहर महाराज जी की अध्यक्षता में चल रही है। श्याम मनोहर महाराज ने आशीर्वचन में कहा कि गायत्री मंत्र बीज मंत्र है। इस मंत्र का फल ही भागवत है। कथा आठ जनवरी तक अग्रवाल भवन में प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से शाम सात बजे होगी। शोभायात्रा में भारत भारती परिषद के अध्यक्ष अशोक वल्लभदास, संतोषकृष्ण अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, दिनेश यादव, रामनारायण, रामकृष्ण दुबे, श्रेया खंडेलवाल, श्रद्धा आदि रहीं।