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बनारस क्लब: विधानपरिषद की कमेटी करेगी दस्तावेज का परीक्षण

बनारस क्लब की जमीन का मुद्दा मंगलवार को विधान परिषद की जांच समिति के सामने उठा। समिति ने क्लब की जमीन पर अवैध निर्माण के मामले में वीडीए की अनदेखी पर प्रमुख सचिव आवास का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि...

बनारस क्लब: विधानपरिषद की कमेटी करेगी दस्तावेज का परीक्षण
वाराणसी मुख्य संवाददाता Wed, 27 Dec 2017 06:12 PM
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बनारस क्लब की जमीन का मुद्दा मंगलवार को विधान परिषद की जांच समिति के सामने उठा। समिति ने क्लब की जमीन पर अवैध निर्माण के मामले में वीडीए की अनदेखी पर प्रमुख सचिव आवास का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि नजूल की भूमि पर हुए निर्माण के मामले को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने ठंडे बस्ते में डाल रखा है। लिहाजा अवैध निर्माण से जुड़ी फाइल निकलवाकर जांच  करायी जाए। 

समिति ने निर्णय लिया कि क्लब की जमीन से जुड़े दस्तावेज की जांच समिति की ओर से गठित कमेटी करेगी। जल्द कमेटी बनारस आएगी और क्लब के पदाधिकारियों, याचिकाकर्ताओं का पक्ष जानने के साथ कागजातों का अवलोकन करेगी। 

विधान परिषद जांच समिति की अध्यक्षता कर रहे एमएलसी शतरूद्र प्रकाश ने प्रमुख सचिव आवास विकास से कहा कि उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास अधिनियम 1973 की धारा 19 में स्पष्ट है कि नजूल भूमि का पट्टा या नवीनीकरण महायोजना में उल्लेखित भू-प्रयोग के अनुसार अनुमन्य है। बनारस क्लब की 1.33 एकड़ जमीन सिविल कोर्ट के नजदीक है लिहाजा नजूल अधिनियम के अनुसार इसका पट्आ या नवीनीकरण जिला जज के परामर्श से किया जा सकता है। 

उनका कहना था कि भूमि का नवीनीकरण 1985 में बैकडेट में किया गया है जो विधि सम्मत नहीं है। शतरूद्र प्रकाश के मुताबिक जल्द  विधानपरिषद की एक कमेटी क्लब का भौतिक अवलोकन करेगी और अपनी रिपोर्ट समिति को सौंपेगी। बैठक में सदस्य आनन्द भदौरिया, सुनील सिंह साजन, संतोष यादव सनी, के अलावा प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंह समेत अन्य विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष एवं सचिव मौजूद थे।

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