बीएचयू: हृदय में पल रहे थे बैक्टीरिया, ऑपरेशन कर बचाई जान
बीएचयू के सर सुन्दर लाल अस्पताल के सर्जनों ने एक लड़की के हृदय में पल रहे बैक्टीरिया को निकाल कर उसकी जान बचाई। दिल के निचले हिस्से में छेद के कारण हृदय में बैक्टीरिया का समूह फैल गया था। जो फेफड़ों के...
बीएचयू के सर सुन्दर लाल अस्पताल के सर्जनों ने एक लड़की के हृदय में पल रहे बैक्टीरिया को निकाल कर उसकी जान बचाई। दिल के निचले हिस्से में छेद के कारण हृदय में बैक्टीरिया का समूह फैल गया था। जो फेफड़ों के रास्ते शरीर में फैल रहे थे। इससे मल्टी आर्गन फेल्योर की स्थिति बन गई थी।
बीएचयू के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. सिद्धार्थ लखोटिया ने बताया कि हृदय के निचले हिस्से में इस तरह के छेद को वे्ट्रिरकुलर सेप्टल डिफेक्ट कहते हैं। इसका समय से इलाज नहीं किया गया तो जानलेवा साबित होता है। 16 वर्षीय लड़की को बचपन से वे्ट्रिरकुलर सेप्टल डिफेक्ट नामक बीमारी थी। लेकिन परिवार ने नजरअन्दाज किया। तीन महीने पहले तेज बुखार के साथ ही अंगों में सूजन होन लगी। जब इसे सर सुन्दरलाल अस्पताल लाया गया तब स्थिति गम्भीर थी। संक्रमण और हार्ट फेल होने से बचाने के लिए दवाएं शुरू हुईं और हृदय की आकस्मिक सर्जरी की गई। करीब चार घंटे चले ऑपरेशन में हृदय के अन्दर के छेद को बन्द करने के साथ बैक्टीरिया को साफ किया गया।
प्रो. लखोटिया ने बताया कि इस तरह का ऑपरेशन सर सुन्दरलाल अस्पताल में पहली बार हुआ। सुधार होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। ऑपरेशन में एनिस्थिसिया के प्रो. एसके माथुर एवं उनकी टीम के साथ कार्डियोथोरैसिक सर्जरी, कार्डियक एनिस्थिसिया, नर्सिंग, एवं पैरामेडिकल के लगभग 20 विषेशज्ञों ने सहयोग किया।