भारत के भविष्य निर्माण में ज्योतिष विज्ञान अहम
Varanasi News - वाराणसी में आयोजित राष्ट्रीय ज्योतिष विज्ञान सम्मेलन में विद्वानों ने भारतीय ज्योतिष के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आधुनिक विज्ञान भी ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में असमर्थ है, जबकि ज्योतिष...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। आधुनिक विज्ञान ब्रह्मांड के जिन रहस्यों को अब तक समझ नहीं पाया है। उनका उद्घाटन भारतीय ज्योतिष विज्ञान ने सदियों पहले कर दिया है। सटीक गणना के आधार पर भविष्य में होने वाली हर गतिविधि की पूर्व में जानकारी संभव है। ज्योतिष विज्ञान की भारत के भविष्य निर्माण में अहम भूमिका है। यह किसी एक व्यक्ति का मंतव्य नहीं बल्कि विद्वानों के विचारों का सारांश है। देश के विभिन्न हिस्सों से जुटे ज्योतिष विदों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शनिवार को ये बातें सामने आईं। ज्योतिष विज्ञान समिति की ओर से सिगरा स्थित एक होटल में हुए राष्ट्रीय ज्योतिष विज्ञान सम्मेलन के मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा और विशिष्ट अतिथि सीडीओ हिमांशु नागपाल रहे।
अध्यक्षीय संबोधन प्रो. नागेंद्र पांडेय ने किया। सम्मेलन में प्रो. कामेश्वर उपाध्याय ने सनातन व्यवस्था में ज्योतिष के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रो. विनय पांडेय ने ज्योतिष के व्यापक क्षेत्र पर चर्चा की। प्रो. रामचंद्र पांडेय ने समसामयिक ज्योतिष विषय पर व्याख्यान दिया। दूसरे सत्र में प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, गीता शर्मा, शालिनी कृष्ण खरे, पवन त्रिपाठी, राकेश पांडेय, राधेश्वर शर्मा, राजीव पांडेय, कामेश्वर ओझा, डॉ.आमोददत्त शास्त्री, अभिषेक मिश्र, आचार्य शिव प्रसाद मिश्र, शेलेश उपाध्याय आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन प्रो.सदानंद शुक्ल ने किया।
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