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बनारस में 676 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन संभव

बनारस को सौर ऊर्जा से जगमग करने के लिए सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) संस्था ने एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मात्र आठ प्रतिशत छत पर सोलर प्लांट...

बनारस में 676 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन संभव
वाराणसी। कार्यालय संवाददाताSun, 20 Aug 2017 11:39 PM
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बनारस को सौर ऊर्जा से जगमग करने के लिए सेंटर फॉर एन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) संस्था ने एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि मात्र आठ प्रतिशत छत पर सोलर प्लांट लगाकर 676 मेगावाट सौर ऊर्जा पैदा की जा सकती है।

सीड के प्रोग्राम डायरेक्टर अभिषेक प्रताप ने बताया कि रिपोर्ट में सोलर रूफटॉप का रोडमैप दिया गया है। इसके तहत करीब 300 मेगावाट सोलर एनर्जी को दस वर्षों में ग्रिड में समाहित किया जा सकता है। आगामी एक दशक में करीब 149 करोड़ रुपये की बचत की जा सकती है। सौर ऊर्जा सस्ती व प्रदूषण रहित ऐसा विकल्प है जिससे बनारस में बढ़ते बिजली संकट से निबटा जा सकता है। उन्होंने बताया कि बनारस को अधिकतम 550 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जरूरत होती है। इसके मद्देनजर सौर ऊर्जा सबसे बेहतर विकल्प साबित होगा। 

सौर ऊर्जा के प्रति लोगों को किया जागरूक 
सीड संस्था प्लेज माइ रूफटॉप नाम से अभियान चलाकर लोगों को जागरूक रही है। इसी क्रम में अक्षय ऊर्जा दिवस (रिन्युबल एनर्जी डे) पर रविवार को अस्सी घाट पर जागरूकता कार्यक्रम हुआ। निदेशक अभिषेक प्रताप ने बताया कि आयोजन का मकसद अक्षय ऊर्जा के लाभों की जानकारी देना व सभी तक 24 घंटे व सात दिन बिजली मुहैया कराना है। उन्होंने नागरिकों से अक्षय ऊर्जा के उपयोग की अपील की। भाजपा नेता डॉ. दयाशंकर मिश्रा दयालु ने कहा कि अक्षय ऊर्जा का विकास व प्रोत्साहन हमारे वातावरण की रक्षा के लिये काफी जरूरी है। कार्यक्रम में सीड के मीडिया प्रभारी मुन्ना झा, अनिमेश मिश्रा सहित काफी संख्या में लोग शामिल हुए। 

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