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16वीं सदी के हनुमान मंदिर की देखरेख विश्वनाथ मंदिर के जिम्मे

बेनीपुर(अकथा)स्थित आंजनेय सिद्धपीठ श्री संकट हरण हनुमान मंदिर की देखरेख का जिम्मा अब काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद का होगा। शुक्रवार को जारी शासनादेश के अनुसार इस मंदिर की व्यवस्था के साथ-साथ...

16वीं सदी के हनुमान मंदिर की देखरेख विश्वनाथ मंदिर के जिम्मे
वाराणसी। प्रमुख संवाददाताSat, 11 Nov 2017 01:12 PM
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बेनीपुर(अकथा)स्थित आंजनेय सिद्धपीठ श्री संकट हरण हनुमान मंदिर की देखरेख का जिम्मा अब काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद का होगा। शुक्रवार को जारी शासनादेश के अनुसार इस मंदिर की व्यवस्था के साथ-साथ मालिकाना हक भी विश्वनाथ मंदिर न्यास का होगा। 

बेनीपुर में इस मंदिर की स्थापना 16वीं सदी में एक दक्षिण भारतीय संत ने की थी। तब यह क्षेत्र घना जंगल था। यहां कोई रहता नहीं था। तत्कालीन वनक्षेत्र में दक्षिण भारत के संत ने हनुमान जी के इस विग्रह की स्थापना की थी। मंदिर परिसर 84 विस्वे में फैला हुआ है। एक ऐसा भी वक्त था जब यह मंदिर खंडहर के रूप में तब्दील हो गया था। 

वर्ष 2007 में स्थानीय नागरिकों की पहल पर मंदिर की प्रबंध समिति गठित की गई। कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण को समिति का पदेन अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद समिति के प्रयास से मंदिर के साथ ही इस परिसर स्थित तालाब और धर्मशाला का जीर्णोद्धार कराया गया। उसी समय समिति ने काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास परिषद से अनुरोध किया था कि इस मंदिर का प्रबंधन अपने जिम्मे ले ले। तब न्यास परिषद ने यह कहा था कि इस मंदिर का मालिका हक भी परिषद को मिलेगा तभी प्रबंधन की जिम्मेदारी ली जाएगी। न्यास ने इस  प्रस्ताव को शासन को भेज दिया था। मंडलायुक्त नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि इस संबंध में शासनादेश की कॉपी प्राप्त हो चुकी है। शेष कार्रवाई शीघ्र ही पूरी कर ली जाएगी।

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