आयकर के निशाने पर 15 हजार बैंक खाते
बनारस के 15 हजार से अधिक बैंक खातों पर आयकर विभाग की नजर है। ये ऐसे खाते हैं जिनमें वर्ष 2016-17 व 2017-18 में दो लाख रुपये से अधिक नगद जमा हुए हैं या खाताधारकों ने ज्वलैरी, कार खरीदने, निजी...
बनारस के 15 हजार से अधिक बैंक खातों पर आयकर विभाग की नजर है। ये ऐसे खाते हैं जिनमें वर्ष 2016-17 व 2017-18 में दो लाख रुपये से अधिक नगद जमा हुए हैं या खाताधारकों ने ज्वलैरी, कार खरीदने, निजी अस्पतालों में इलाज पर खर्च के दौरान दो लाख रुपये से अधिक का नगद भुगतान किया है।
आयकर विभाग की इंटेलिजेंस एंड क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन विंग के लखनऊ स्थित निदेशक कार्यालय को ज्वैलरी शोरूमों, निजी अस्पतालों, बैंकों व कार शोरूम संचालकों ने ऐसे लोगों की सूची भेजी है। इस सूची के आधार पर खाताधारकों को आयकर विभाग नोटिस भेजकर पूछताछ करेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार ऐसे लोगों के आयकर रिटर्न से उनकी आय के स्रोत के संबंध में पूछताछ होगी। व्यक्ति की आय और नगद खर्च का तालमेल देखा जायेगा।
बैंकों की लापरवाही आई सामने
बचत खातों दो लाख रुपये से ज्यादा नगद जमा भी जांच के दायरे में है। सूची में नाम ज्यादा होने के पीछे बैंकों की लपरवाही भी जिम्मेदार हैं। सफ्टवेयर में बदलाव न होने से खाताधारकों को बचत खाता में तय सीमा से ज्यादा नकद जमा करनी पड़ रही है। जीएसटी में पंजीकरण के लिये 20 लाख रुपये से ज्यादा का सालाना कारोबार जरूरी होता है। जब छोटे व्यापारी बैंकों में अपना करंट अकाउंट खुलवाने जाते हैं तो उनसे जीएसटी नंबर मांगा जाता है। जबकि उन्हें पंजीकरण कराने की जरूरत ही नहीं है। ऐसे व्यापारी अपने बचत खातों में ही नगद जमा कर देते हैं।