12 महीने का कोर्स नौ महीने में करना होगा पूरा
सीबीएसई ने कोराना संक्रमण के दौरान कोर्स में तीस फीसदी कमी की सुविधा समाप्त कर दी है। नए सत्र से पूरा कोर्स पढ़ना होगा। सिलेबस 2018-19 की तरह ही...
वाराणसी। वरिष्ठ संवाददाता
सीबीएसई ने कोराना संक्रमण के दौरान कोर्स में तीस फीसदी कमी की सुविधा समाप्त कर दी है। नए सत्र से पूरा कोर्स पढ़ना होगा। सिलेबस 2018-19 की तरह ही रहेगा।
सीबीएसई ने पहले ही स्पष्ट किया था कि सिलेबस में तीस फीसदी की कमी सिर्फ एक साल के लिए की गई है। वहीं शिक्षकों के अनुसार इसका सबसे अधिक असर 11वीं के छात्रों पर पड़ेगा। उनके सामने कम समय पूरा कोर्स समाप्त करने की चुनौती होगी। अगर सामान्य स्थिति रहती तो 10वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो चुके छात्रों की 11वीं की कक्षाएं अप्रैल से शुरू हो जातीं। स्कूल उन्हें प्रोविजनल दाखिला दे देते हैं। उन्हें अधिक समय तक पढ़ने का मौका मिलता। मगर इस साल परीक्षाएं मई में हो रही हैं। रिजल्ट जुलाई में आएगा। प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने जुलाई बीत जाएगी। उन्हें अगले वर्ष मार्च से पहले कोर्स समाप्त करना होगा। यह बड़ी चुनौती होगी। शिक्षकों का मानना है कि 11वीं कक्षा में कोर्स काफी बढ़ जाता है। छात्र वैसे ही दबाव में आ जाते हैं। इसलिए इस साल के छात्रों के लिए समस्या होगी। सनबीम इंग्लिश स्कूल, भगवानपुर की प्रधानाचार्य गुरुमीत का कहना है कि छात्रों का मानसिक तनाव बढ़ेगा। इस संबंध में सीबीएसई बोर्ड को सोचने की जरूरत है।