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लाडले को बार-बार बुखार आये तो समझो किडनी खतरे में है

नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी सलाह

नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी सलाह
1/ 2नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी सलाह
नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी सलाह
2/ 2नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी सलाह
हिन्दुस्तान टीम,वाराणसीSat, 10 Nov 2018 06:43 PM
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फोटो- डॉ. प्रदीप और डॉ. शिवेन्द्र नाम से 5 पीएम में सेव हैपूर्वांचल में किडनी मर्ज का सबसे बड़ा कारण है पथरी नेफ्रोलॉज सोसाइटी की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने किया आगाहवाराणसी। कार्यालय संवाददाता अगर बच्चे को बार-बार बुखार आये तो उसे नजरअंदाज न करें, यह उसकी किडनी के खराब होने का भी संकेत हो सकता है। इसलिए टायफाइड की जांच पॉजिटिव आने के बावजूद उसका यूरिन कल्चर और अल्ट्रासाउंड भी कराना चाहिए। इससे किडनी में संक्रमण पता चल जायेगा। यह जानकारी वाराणसी नेफ्रोलॉजी सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार राय ने शनिवार को कैंटोमेंट स्थित होटल रेडिशन में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन दी। डॉ. प्रदीप ने बताया कि अमूमन किडनी की बीमारी का संकेत पैर और चेहरे में सूजन आने से मिलता है लेकिन यह लक्षण काफी देर हो जाने के बाद सामने आता है। इसलिए रूटीन चेकअप में किडनी की जांच जरूर करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों में किडनी की समस्या होने के दूसरे भी कई कारण हैं। इनमें आनुवांशिकता के साथ ही रिफ्लेक्शन नेफ्रोपैथी, जन्मजात प्रमुख हैं। बच्चों में यूरिन संबंधी परेशानी को लेकर लापरवाही बरतना एक प्रमुख कारण है। फास्ट फूड किडनी का दुश्मन सोसाइटी के सचिव व बीएचयू नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. शिवेन्द्र सिंह ने जंक और फास्ट फूड को किडनी खराब होने का बड़ा कारण बताया। उनका कहना था कि युवा वर्ग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। उन्होंने शुगर और ब्लड प्रेशर को किडनी का मुख्य दुश्मन बताया। उनका कहना था कि फास्ट फूड से मोटापा बढ़ता है जबकि मोटापा से शुगर और ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है। इसके बाद किडनी संबंधी शिकायत शुरू हो जाती है। इसलिए सबसे पहले खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा। किडनी को नष्ट कर रही पथरीपूर्वांचल की जनता में किडनी की पथरी किडनी खराब होने का मुख्य कारण बन रही है। डॉ. शिवेन्द्र ने बताया कि बीएचयू की ओपीडी में पहुंचने वाले ज्यादातर मरीजों की किडनी लापरवाही के चलते खराब हो चुकी होती है। उन्होंने सुझाव दिया कि किडनी की पथरी होने पर उसे दवाओं से दबाने की बजाय जल्द से जल्द ऑपरेशन करा लेना चाहिए। इससे पहले वैस्कुलर एण्ड इन्डोवैस्कुलर इंटरवेंशन इन नेफ्रोलॉजी विषय पर आयोजित सजीव कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि अपोलो, नई दिल्ली के प्रो. संदीप गुलेरिया और लीलावती हॉस्पिटल मुम्बई के डॉ. हेमंत जे मेहता ने दीप जलाकर किया। विशेषज्ञों ने किडनी के मरीज के इलाज संबंधी नई तकनीक की जानकारी दी। कार्यशाला में देशभर के 75 से ज्यादा नेफ्रोलॉजिस्ट ने भाग लिया। संचालन डॉ. एमएन सिंह ने किया।

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