
बोले काशी - पत्थर चौका पर इंटरलॉकिंग, ये कैसी प्लानिंग
संक्षेप: डेढ़ शताब्दी पुराने मोहल्ले की गलियों में पत्थर चौके बिछे हैं। कहीं उबड़-खाबड़ हैं तो कहीं इंच भर हिले नहीं हैं। मगर विकास का नियोजन देखिए, उन चौकों पर ही इंटरलॉकिंग ईंटें बिछ रही हैं। स्थानीय बाशिंदे इस प्लानिंग पर हतप्रभ हैं।
वाराणसी। बनारस का उपनगर माना जाने वाला रामनगर ‘टाउन प्लानिंग’ का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह दीगर है कि उक्त प्लानिंग के तहत बसी आबादी अब कई तरह की चुनौतियां झेल रही है। नमक बाजार चर्चित मछरहट्टा मोहल्ले का पड़ोसी हिस्सा है। जैसे पुराने जमाने में मछलियों का व्यापारिक स्थल मछरहट्टा कहा जाने लगा, उसी तरह बैलगाड़ियों से नमक लेकर पहुंचने वालों का अड्डा नमक बाजार हो गया। वैसे, अब यहां नमक मार्केट नहीं, 500 से अधिक मकानों में 12 सौ से अधिक लोगों की आबादी है। मोहल्ला में स्थित स्वामी विवेकानंद स्कूल के पास जुटे लोगों ने ‘हिन्दुस्तान’ से अपनी पीड़ा साझा करने के पहले घुमा कर पीड़ा के कारण दिखाए। उन्होंने गौरीशंकर जायसवाल वाली गली में बिछ रहीं इंटरलॉकिंग ईंटों की ओर ध्यान दिलाया। लगभग 3.65 लाख रुपये की लागत से पत्थर के चौकों पर ये ईंटें बिछाई जा रही हैं। यह काम पीएम नरेन्द्र मोदी की सांसद निधि से हो रहा है। राघवेन्द्र मिश्रा, रामायण जायसवाल, राजू श्रीवास्तव और कालिका प्रसाद ने कहा कि यहां इस काम की कोई जरूरत नहीं थी क्योंकि पत्थर चौके सही सलामत और मजबूत हैं। हमें लगता है कि यह निधि का दुरुपयोग है मगर योजनाकारों को नहीं लगता। दूसरी कुछ गलियों में भी इसी तरह इंटरलॉकिंग ईंटें बिछने की सूचना है। रामायण जायसवाल बोले, पत्थर चौकों की री-सेटिंग से रास्ता भी मजबूत और सुंदर हो सकता है, उसमें अधिक धन भी नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में सीवर लाइन में कुछ काम कराना आसान नहीं होगा क्योंकि तब इंटरलॉकिंग के साथ पत्थर के चौके पर हटवाने होंगे। बताया कि बिछने के बाद इंटरलॉकिंग ईंटें उखड़ती हैं तो दोबारा सेट नहीं हो पातीं। फिर नया ही लगाना पड़ता है। सामने की गली में रहने वाले पूर्णवासी कन्नौजिया ने कहा कि हम अपनी ओर इंटरलॉकिंग नहीं होने देंगे क्योंकि उससे जलजमाव की समस्या और गंभीर हो जाएगी। पूर्व पार्षद प्रभुनाथ गुप्ता ने कहा कि इस काम पर आपत्ति जताने वालों को विकास-विरोधी करार दिया जा रहा है। राघवेन्द्र मिश्रा, मालती कन्नौजिया ने सीवर लाइन जाम होने का जिक्र किया। बताया कि एक तो मुद्दत से लाइन की सिर्फ फर्राटी से सफाई हुई है। दूसरे, पशुपालक उसी में गोबर बहा देते हैं। मोहल्ले के एक विस्तृत खाली स्थान पर हर रोज शाम से पूरी रात छुट्टा पशुओं का जमावड़ा होता है। मनोज यादव ने कहा, उस ओर से आना जाना संभव नहीं होता क्योंकि गोवंश हमला कर देते हैं। इनके चलते सुबह अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजते वक्त बेहद सतर्क रहते हैं।
अक्सर होती है आतिशबाजी
राजू श्रीवास्तव, कालिका प्रसाद बिजली के पुराने तारों से व्यथित नजर आए। कहा, ये तार आए दिन टूटते रहते हैं। उनमें शार्ट सर्किट से शाम या रात के वक्त अचानक चिंगारियां निकलने लगती हैं। दूसरे, सौ से दो सौ मीटर दूरी तक ये तार बिना खंभे के दौड़ाए गए हैं। किसी घर के बारजे में निकली कुंडी तो कहीं किसी की खिड़की के सहारे। राजू ने बताया कि दो माह से अधिक समय हो गया, एक खंभा लाकर गली में रख दिया गया है। उसे गड़वाने के लिए एक्सईएन तक गुहार लगाई जा चुकी है। अब रामनगर की रामलीला में व्यस्तता का हवाला दिया जा रहा है।
काऊ-कैचरों का दिखावटी अभियान
मनोज यादव, राजकुमार यादव समेत कई लोगों ने छुट्टा पशुओं के चलते हो रही दिक्कतों का जिक्र किया। बताया कि मोहल्ले के अलावा दूसरे इलाकों के भी पशुपालक अपने पालितों को शाम के बाद इधर ही हांक देते हैं। तब सौ से अधिक संख्या में गोवंश नमक बाजार में जुगाली करते हैं। इसमें किसी राहगीर का बाधक बनना उन्हें नागवार लगता है और हमला कर बैठते हैं। बाशिंदों के अनुसार, नगर निगम की छुट्टा पशु पकड़ने वाली ‘काऊ-कैचर’ टीम लगभग हर हफ्ते आती है मगर उसके आने की पशुपालकों को सूचना पहले ही मिल जाती है। वे अपनी ‘सेवाभगत’ से टीम को गली में नहीं आने देते। राघवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि यह स्थिति स्कूली बच्चों के लिए बहुत खतरनाक हो गई है।
पुरानी सीवर लाइन पर आफत
मालती कन्नौजिया, सुषमा, मीरा उन परिवारों से हैं जिन्हें अपने घरों के सामने अक्सर सीवर ओवरफ्लो और बारिश के दिनों में जलजमाव झेलना पड़ता है। बताया कि आधे घंटे की बारिश यह सीवर लाइन नहीं झेल पाती। तब गली में एक से दो फीट पानी जमा हो जाता है। जिसकी देहरी ऊंची नहीं, उसे घरों में घुसे पानी को कांछने की मशक्कत करनी पड़ती है। पूर्णवासी कन्नौजिया ने कहा कि लगभग 12 इंच की सीवर लाइन दशकों पुरानी है। इस नाते हमेशा ओवरफ्लो की स्थिति रहती है। दूसरे, इसी में गोबर बहाया जा रहा है जिससे अक्सर वह चोक हो जाती है। उन्होंने कहा कि अभी तो पत्थर चौके हटा कर सफाई हो जा रही है। जब इंटरलॉकिंग ईंटें बिछेंगी, तब परेशानी बढ़ जाएगी।
गली में नशेबाजी का लाइसेंस
नमक बाजार का पश्चिमी छोर रामनगर-साहित्यनाका रोड से जुड़ा है। इस ओर अंग्रेजी शराब और बियर की दुकान भी है। अक्सर शाम को नशेड़ी बोतल-केन और पानी की बोतलों के साथ पीछे नमक बाजार की गली में जम जाते हैं। मानों उन्हें वहां अपना शौक पूरा करने का लाइसेंस मिल गया हो। वे उपद्रव भी करते हैं। मनोज यादव ने कहा कि शाम के वक्त ज्यादातर घरों की महिलाएं और लड़कियां इस रास्ते से नहीं आतीं। बवाल-विवाद से बचने के लिए लोगों ने मना भी कर दिया है।
सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण!
प्रभुनाथ गुप्ता, रामायण जायसवाल ने नमक बाजार मोहल्ले में लगभग सवा दो बिस्वे का एक प्लाट दिखाया। उनके मुताबिक, कभी काशीनरेश ने यहां आमजन के लिए शौचालय बनवाया था। महिलाओं के लिए अलग व्यवस्था थी। बाद में वह जमीन तत्कालीन नगरपालिका को सौंप दी गई। अब शौचालय के अवशेष भी नहीं दिखते। सन-1997 में प्रभुनाथ गुप्ता ने सभासद रहते हुए यहां सौर ऊर्जा से चलने वाला वाटर पंप लगवाया था। यह टाटा समूह की योजना थी। पंप के साथ 10 हजार लीटर क्षमता वाली टंकी भी लगी। उससे मोहल्ले के अनेक घरों को शुद्ध पानी मिलता था। मगर जमीन पर अवैध कब्जे की फिराक में लगे लोगों ने पानी टंकी को अधिक समय तक चलने नहीं दिया। पंप उखड़ गया। अब वहां मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनने की चर्चा है।
स्ट्रीट लाइटों की दरकार
नमक बाजार समेत आसपास की ज्यादातर गलियों में स्ट्रीट लाइटें नहीं हैं। दिलीप, शंभूनाथ गुप्ता ने कहा कि शाम के बाद मेन रोड से अंदर आते ही अंधेरा अटपटा लगता है। इससे अराजक गतिविधियों के लिए भी माहौल मुफीद बन जाता है। बोले, नगर निगम में शामिल होने के बाद इस मोहल्ले में एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है।
सुझाव और शिकायतें
सुझाव
1. गलियों में बिछे पत्थर चौकों को उखाड़ने के बजाय उनकी री-सेटिंग कराई जाए। उन पर इंटरलॉकिंग ईंटें बिछाने का खर्च बचेगा।
2. पीएम की सांसद निधि से काम कराने के पहले स्थानीय जरूरतों का ध्यान रखा जाए, इस धन का अपव्यय रूकेगा।
3. सीवर लाइन की तल्लीझाड़ सफाई कराने के साथ गोबर बहाने वाले पशुपालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो।
4. छुट्टा पशुओं की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलाया जाए। बिजली के तार दुरुस्त किए जाएं। उनके लिए आया पोल लगवाया जाए।
5. गली में हर शाम शराब-बियर पीने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। स्थानीय पुलिस नियमित गश्त करे।
शिकायतें
1. नमक बाजार की गलियों में पत्थर चौकों पर ही इंटरलॉकिंग ईंटें बिछाई जा रही हैं। इससे कई तरह की दिक्कतें आएंगी।
2. प्रधानमंत्री की सांसद निधि से काम कराने के पहले स्थानीय लोगों से समस्या की जानकारी नहीं ली जाती। मनमाने ढंग से धन खर्च हो रहा है।
3. छुट्टा पशुओं के चलते मोहल्ले में आमजन, खासकर बच्चों का सुबह-शाम घरों से निकलना मुश्किल हो गया है।
4. सही ढंग से सफाई न होने और गोबर बहाने से सीवर लाइन अक्सर चोक हो जाती है। बारिश में जलजमाव की गंभीर समस्या पैदा हो जाती है।
5. बिजली के बेतरतीब तारों से अक्सर शार्ट सर्किट होती है। स्ट्रीट लाइट नहीं हैं। एक गली में शराबियों का जमावड़ा माहौल खराब कर रहा है।
हमारी भी सुनें
सीवर लाइन की सफाई मुश्किल से हो पाती है। गोबर बहाने से वे अक्सर जाम भी हो जाती हैं।
-विवेकानंद मिश्रा
बिना सोचे-समझे पत्थर के चौकों पर इंटरलॉकिंग ईंटें बिछवाने से भविष्य में कई दिक्कतें आएंगी।
-रामायण जायसवाल
उबड़-खाबड़ हो चुके पत्थर चौकों की री-सेटिंग कम खर्च में हो जाएगी। रास्ता भी मजबूत रहेगा।
-प्रभुनाथ गुप्ता
बिजली के तार व्यवस्थित कराने की लंबे समय से मांग की जा रही है। पोल भी नहीं लग रहा है।
-राजू श्रीवास्तव
हम अक्सर गंदे पानी का जमाव झेलते हैं। आधे घंटे की बारिश हमारे लिए मुसीबत बन जाती है।
-मालती कन्नौजिया
अपनी गली में हम इंटरलॉकिंग ईंट बिछाने का विरोध करेंगे क्योंकि तब सीवर सफाई मुश्किल हो जाएगी।
-पूर्णमासी कन्नौजिया
प्रधानमंत्री की सांसद निधि का दुरुपयोग हो रहा है। इसका नमक बाजार में उदाहरण मिल जाएगा।
-श्रीनारायण द्विवेदी
नमक बाजार में छुट्टा पशुओं की धरपकड़ के लिए प्रभावी अभियान चलना जरूरी है।
-मनोज कुमार यादव
मोहल्ले की गली में शाम से दूर रात तक नशेड़ियों के जमावड़े से माहौल खराब हो रहा है।
-राजकुमार यादव
हर गली में स्ट्रीट लाइटें लगवाई जाएं ताकि शाम के बाद आवागमन आसान और सुरक्षित रहे।
-शंभूनाथ गुप्ता
नगर निगम के व्यवस्था संभालने के बाद जनसमस्याएं बढ़ती जा रही हैं। समाधान की गति धीमी है।
-कालिका प्रसाद
आधे घंटे की बारिश यह सीवर लाइन नहीं झेल पा रही है। नई कब लगेगी, कोई नहीं बताता है।
-सुषमा
बोले जिम्मेदार
वार्ड संख्या 12 गोलाघाट,मच्छरहट्टा की पार्षद मोनिका यादव का कहना है कि गौरीशंकर जायसवाल की गली में पूर्व में बिछे चौका पर ही इंटरलॉकिंग कराने को मंजूरी मिली है। पीएम निधि से काम कराने के लिए हमारा प्रस्ताव पार्टी के मंडल अध्यक्ष की संस्तुति पर पास होता है। इस मोहल्ले में 90 नई स्ट्रीट लाइट और हाई मास्ट लगाने का प्रस्ताव नगर निगम को दिया है। छुट्टा पशुओं को पकड़ने का वहां के लोग ही विरोध करते हैं।
-मोनिका यादव, पार्षद-गोला घाट वार्ड

लेखक के बारे में
Sandeep Kumar Shuklaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




