त्योहारों से पहले गड्ढामुक्त होंगी यूपी की सड़कें, सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
संक्षेप: सीएम योगी आदित्यनाथ ने बारिश की वजह से खराब हुई सड़कों की स्थिति त्योहारों से पहले सुधारने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि हाई-वे हों या एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण सड़कें हों या नगरीय क्षेत्र की सड़कें, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ समेत त्योहारों के पहले ठीक की जाएं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बारिश की वजह से खराब हुई सड़कों की स्थिति त्योहारों से पहले सुधारने के आदेश दिए हैं। मंगलवार को गड्ढामुक्ति अभियान की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि हाई-वे हों या एक्सप्रेस-वे, ग्रामीण सड़कें हों या नगरीय क्षेत्र की सड़कें, दुर्गा पूजा, दशहरा, दीपावली और छठ समेत त्योहारों के पहले ठीक की जाएं। त्योहारों में लोगों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
प्रदेश की कुल 6,78,301 सड़कें, जिनकी लंबाई 4,32,989 किमी है, में से 44,196 किमी को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि 649 मार्ग संतोषजनक स्थिति में हैं, जबकि 114 मार्ग असंतोषजनक स्थिति में पाए गए हैं। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि लक्ष्य के सापेक्ष 21.67% प्रगति दर्ज हुई है। मुख्यमंत्री ने एनएचएआई, मंडी परिषद, पीडब्ल्यूडी, ग्राम विकास, पंचायती राज, नगर विकास, सिंचाई, गन्ना व चीनी विकास सहित विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कामों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि काम में तेजी लाई जाए। अधिकारी प्रगति की नियमित समीक्षा करें।
मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि प्रदेश में 31,514 किमी लंबाई की सड़कों को नवीनीकरण काम में शामिल किया गया है। लोक निर्माण विभाग ने इसमें 84.82 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम समय पर हों और उनमें किसी भी तरह की लापरवाही न की जाए। बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि रीस्टोरेशन व विशेष मरम्मत के लिए 2,750 किमी सड़कें चिह्नित की गई हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने इसमें 62.99 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है, नगर विकास विभाग ने 35.50 प्रतिशत और अवसंरचना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने 48.77 प्रतिशत प्रगति दर्ज की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 सितंबर तक लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे पूरा कर कार्ययोजना शासन को भेजे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को होने वाली असुविधा की वजह से सरकार और प्रदेश की छवि प्रभावित होती है, लिहाजा इसका खास ख्याल रखा जाए। उन्होंने कहा कि अभियान प्रदेशवासियों की सुविधा और सुरक्षा से सीधे तौर पर जुड़ा है। लिहाजा सभी पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और समयबद्धता का खास ख्याल रखें। मुख्यमंत्री ने कामों की शासन स्तर से निगरानी के भी निर्देश दिए हैं।
महापौर के अधिकारों पर किया जा सकता है पुनर्विचार
मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग के कामों की समीक्षा करते हुए कहा कि नगर निगमों में अवस्थापना संबंधी कामों की राशि का समय से और सही उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि काम पारदर्शिता के साथ हों और कामों में अनावश्यक विलंब न हो। अगर इसका पालन नहीं किया गया महापौर के अधिकारों पर पुनर्विचार किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बीते काफी समय में लखनऊ समेत कई नगर निगमों में कामों को लेकर पार्षदों और महापौरों में टकराव की स्थितियां बनी हैं। आदेश उसी के मुताबिक किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन नगर निगमों में ईईएसएल का बकाया है, उसका तुरंत भुगतान करा दिया जाए।
उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर जल्द प्रस्ताव करें तैयार
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर पर जल्द प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में अधिकांश राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पूर्व-पश्चिम दिशा में केंद्रित हैं। अब जरूरत है कि नेपाल सीमा से लेकर प्रदेश के दक्षिणी छोर तक फैले जिलों को जोड़ने वाला एक सुदृढ़ उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर तैयार किया जाए। राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के अंतर्गत आने वाले हिस्सों में एनएचएआई का सहयोग लिया जाए। बाकी मार्गों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण-चौड़ीकरण राज्य स्तर पर कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां जरूरी हो वहां ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं प्रस्तावित की जाएं। सूत्रों की मानें तो लोक निर्माण विभाग ने जो अभी रूपरेखा तैयार की है, उसके मुताबिक करीब 500 किलोमीटर की ग्रीनफील्ड रोड परियोजनाएं होंगी।





