अखाड़ों के बदलते स्वरूप पर अध्ययन, शामिल होंगे चार विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ
- गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान 'अखाड़ों के बदलते स्वरूप' पर अध्ययन कर रहा है। इसके लिए परियोजना शहरी विकास विभाग उत्तर प्रदेश ने ग्रांट प्रदान किया है। जीबी पंत के निदेशक प्रो. बद्री नारायण और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्चना सिंह प्रोजेक्ट की समन्वयक हैं।
गोविन्द बल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान 'अखाड़ों के बदलते स्वरूप' पर अध्ययन कर रहा है। इसके लिए परियोजना शहरी विकास विभाग उत्तर प्रदेश ने ग्रांट प्रदान किया है। जीबी पंत के निदेशक प्रो. बद्री नारायण और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अर्चना सिंह प्रोजेक्ट की समन्वयक हैं। खास बात यह है कि इस अध्ययन में चार विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ शामिल हैं। डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि अध्ययन में जाना जाएगा कि महाकुम्भ मेले में अखाड़ों के प्रति विदेशियों का आकर्षण क्यों बढ़ा है। यह भी देखा जाएगा कि अखाड़ों ने सामाजिक एकीकरण, समावेशिता और लैंगिक समानता, विशेषकर महिलाओं की बढ़ती भागीदारी जैसी समकालीन जरूरतों को कैसे अपनाया है।
उन्होंने कहा कि अखाड़ों की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत तथा उनकी बदलती भूमिकाओं, आधुनिक प्रभावों के साथ अनुकूलन, सामाजिक जिम्मेदारियों, तकनीकी प्रगति और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस अध्ययन का उद्देश्य यह है कि कैसे अखाड़े पारंपरिक आध्यात्मिक प्रथाओं को संरक्षित करते हुए और आधुनिकता से जुड़ते हुए संन्यासियों के लिए विशिष्ट केंद्रों से बहुमुखी संगठनों के रूप में विकसित हो रहे हैं। अलग-अलग अखाड़ों का दस्तावेजीकरण करने के लिए जेएनयू, बीएचयू, वर्धा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दस शिक्षाविदों की टीम अध्ययन कर रही है।
इन अखाड़ों पर हो रहा अध्ययन डॉ. अर्चना सिंह ने बताया कि महाकुम्भ के अवसर पर आदि गुरु शंकराचार्य ने अखाड़ों के रूप में साधु-सन्यासियों को एक संगठनात्मक ढांचा दिया। 13 अखाड़ों में से 7 शैव, 3 वैष्णव, दो उदासीन और एक निर्मल हैं। अखाड़े की उत्पत्ति साधु-संन्यासियों के प्रशिक्षण और आध्यात्मिक अनुशासन के लिए समूहों के रूप में हुई थी, सदियों से कुम्भ मेले का अभिन्न अंग रहे हैं।
मुक्त विवि ने ली मतदान की शपथ
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदान की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और छात्रों ने शपथ ली। कहा कि वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम। इस अवसर पर विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रो. आशुतोष गुप्ता, कुलसचिव कर्नल विनय कुमार आदि मौजूद रहे।