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UP Rain: यूपी से एमपी की ओर खिसकी मानसून की टर्फ लाइन, 24 से 48 घंटे बाद फिर होगी बारिश

UP Rain: यूपी से एमपी की ओर खिसकी मानसून की टर्फ लाइन, 24 से 48 घंटे बाद फिर होगी बारिश

संक्षेप: मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ी हैं। 24 से 48 घंटों के बाद गतिविधियां बढ़ेंगी तो प्रदेश में बारिश की संभावनाएं बढ़ेंगी। अभी आंशिक बारिश ही संभव है। इस बीच सोमवार की सुबह गोरखपुर और आसपास के इलाकों में बारिश हुई है। गोंडा से भी बूंदाबांदी की खबर है।

Mon, 28 July 2025 09:27 AMAjay Singh संवाददाता, कानपुर/ आगरा
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Rain in Uttar Pradesh: मानसून की टर्फ लाइन उत्तर प्रदेश से खिसक कर नीचे मध्य प्रदेश चले जाने से मानसून की सक्रियता प्रभावित हुई है। ऐसे में अनुमान के अनुसार, अच्छी बारिश नहीं हो पा रही है। रविवार को कानपुर में पॉकेट रेन हुई। सुबह से शाम तक अलग-अलग समय पर अलग क्षेत्रों में बारिश होती रही। इससे दिन के तापमान में गिरावट दर्ज की गई। नौबस्ता में 19 मिमी तो सिविल लाइंस में 11 मिमी बारिश हुई। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ी हैं। 24 से 48 घंटों के बाद गतिविधियां बढ़ेंगी तो प्रदेश में बारिश की संभावनाएं बढ़ेंगी। अभी आंशिक रूप से ही बारिश संभव है। आईएमडी लखनऊ के अनुसार 28 जुलाई को पश्चिमी उत्तर प्रदेश अनेक स्थानों पर बारिश, गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश, गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। इस बीच सोमवार की सुबह गोरखपुर और आसपास के इलाकों में बारिश हुई है। गोंडा से भी हल्की बूंदाबांदी की खबर है।

पॉकेट रेन का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता रविवार सुबह 08:30 बजे तक चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) में मात्र 07 मिमी बारिश दर्ज हुई जबकि चकेरी स्थित एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर 24 मिमी बारिश हुई। नगर के दक्षिण में साकेत नगर, गोविंद नगर, पनकी आदि में तेज और लंबे समय तक बारिश हुई। शहर के मध्य में काफी देर तक बौछारें ही पड़ती रहीं। नगर के अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग समय पर वर्षा होती रही। अनुमान के अनुसार, कहीं 14 मिमी तो कहीं पांच मिली वर्षा हुई।

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ताजनगरी में उमस ने किया हाल बेहाल

बारिश के सीजन में आगरा में 34 डिग्री तापमान और उस पर भीषण उमस ने हाल बेहाल कर दिया है। खुले में पसीना रुक नहीं रहा। बंद स्थानों पर भी कूलर और एसी के बिना राहत नहीं मिल रही। मौसम का यह मिजाज लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान कर रहा है। पिछले दो दिन से शहर में बारिश नहीं हुई। सुबह से तेज धूप और उसके साथ चुभन भरी गर्मी का एहसास हो रहा है। साथ ही उमस भी पूरी तरह हावी है। दिन में राहत की कोई संभावना नहीं दिख रही। इसका कारण यह है कि इस सीजन में दिन के मुकाबले रात में अधिक बारिश हुई। सुबह आसमान साफ होने से उमस और बढ़ जाती है। हालांकि, सोमवार को अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके बाद मौसम सामान्य रहेगा और बारिश की संभावना नहीं है।

34.4 डिग्री रहा दिन का पारा

रविवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 2.9 डिग्री अधिक होकर 34.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 27.8 डिग्री रहा। आर्द्रता 91 प्रतिशत रही। बीते 24 घंटे में बारिश नहीं हुई है।

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आईएमडी ने गरज-चमक पर शुरू किया सर्वे

मौसम की चेतावनी आपको कब मिलती है, बिजली/आंधी-तूफान से पहले, घटना के समय या उसके बाद। इसका माध्यम क्या है। बदलते मौसम को लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गरज-चमक पर सर्वे शुरू किया है। गूगल फॉर्म के माध्यम से 10 बिंदुओं पर जानकारियां ली जा रही हैं। इसके जरिए कोशिश की जा रही है कि मौसम का सटीक पूर्वानुमान समय पर लोगों तक पहुंच सके।

आईएमडी देश में मौसम के आंकड़े जुटाने और इसका विश्लेषण करने वाली शीर्ष एजेंसी है। जलवायु परिवर्तन के बाद पूर्वानुमान घोषित करने वाली एजेंसियों को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सर्वे मददगार साबित हो सकता है। सर्वे में आमजन से नौ सवाल पूछे गए हैं कि क्या आपको मौसम की चेतावनियां मिल रही हैं, जवाब में आंधी-तूफान, बिजली, दोनों और कोई नहीं का विकल्प चयन करने के लिए दिया गया है।

दामिनी, मौसम और सचेत का विकल्प

आईएमडी ने मोबाइल एप के बारे में भी जानकारी चाही है कि किसके माध्यम से यह मिल रही है। इसमें दामिनी, मौसम, सचेत के विकल्प दिए गए हैं। यह सभी मोबाइल एप हैं जिससे मौसम की जानकारी मिलती है। पूछा गया, उस मीडिया हैंडल का नाम बताएं जिससे सूचना मिलती है। इनमें फेसबुक, एक्स, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, यूट्यूब के विकल्प दिए गए हैं। यह भी पूछा गया कि कितने समय पहले चेतावनी की जानकारी मिलती है। इनके जवाबों में जो विकल्प दिए गए वे हैं, बिजली/आंधी-तूफान की घटना से 30 मिनट पहले, एक घंटे पहले, दो घंटे पहले या तीन घंटे पहले।

आईएमडी ने सुझाव भी मांगे: आईएमडी ने यह भी जानने की कोशिश की है कि चेतावनियां कितनी सटीक होती हैं। सटीकता के विकल्प दिए गए हैं, बहुत अच्छा, अच्छा, संतोषजनक या खराब। ऐसे ही पूछा गया कि चेतावनियां आपके लिए कितनी उपयोगी हैं, विकल्प दिए गए-बहुत उपयोगी, कुछ हद तक उपयोगी या उपयोगी नहीं। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि सर्वे काफी उपयोगी साबित हो सकता है।

Ajay Singh

लेखक के बारे में

Ajay Singh
अजय कुमार सिंह दो दशक से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की और टीवी होते हुए अब डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं। राजनीति, स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण से जुड़ीं खबरों को गहराई से कवर किया है। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में असिस्टेंट एडिटर हैं और उत्तर प्रदेश की राजनीति और क्राइम खबरों पर विशेष फोकस रखते हैं। और पढ़ें
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