संतों की अरबों-खरबों की संपत्ति विदेशी चेलों के हाथ, संन्यास लिया, अब बने उत्तराधिकारी
- कई संत ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति अरबों-खरबों में है। भारत ही नहीं कई देशों में उनके आश्रम हैं। अध्यात्म की राह चुनने वाले ये संत अपनी दुनियावी सत्ता शिष्यों को सौंप देते हैं। कुछ संत ऐसे भी हैं, जिनका साम्राज्य विदेशी शिष्य संभाल रहे हैं।

महाकुंभ में संतों का वैभव हर किसी को आश्चर्य में डाल रहा है। लग्जरी कारों से लेकर महल सरीखे शिविर श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं। कई संत ऐसे हैं, जिनकी संपत्ति अरबों-खरबों में है। भारत ही नहीं कई देशों में उनके आश्रम हैं। अध्यात्म की राह चुनने वाले ये संत अपनी दुनियावी सत्ता शिष्यों को सौंप देते हैं। कुछ संत ऐसे भी हैं, जिनका साम्राज्य विदेशी शिष्य संभाल रहे हैं। भारतीय वायु सेना के फाइटर पायलट से आध्यात्मिक गुरु बने पायलट बाबा लंबे समय तक अर्द्धकुम्भ और महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र रहे।
बीते वर्ष 20 अगस्त को उनके ब्रह्मलीन होने के बाद जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि ने जगजीतपुर हरिद्वार स्थित पायलट बाबा के आश्रम में उनकी मुख्य शिष्या जापान की केको आईकावा (योगमाता केवलानंद) को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया। केको आईकावा ने बड़ी संख्या में शिष्यों के साथ महाकुंभ में संगम स्नान किया। पायलट बाबा के भारत एवं विदेशों में कई आश्रम और आध्यात्मिक केंद्र हैं, जिनका मूल्य सैकड़ों करोड़ में आंका जाता है।
पीएम से मुलाकात की
टोनी नाडेर ने रविवार को महाकुंभ में आने से एक दिन पहले शनिवार र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री के सामने महाकुंभ के दिव्य आयोजन की तारीफ की थी।
डेढ़ दशक पहले टोनी ने संभाली थी जिम्मेदारी
दुनियाभर में भावातीत ध्यान के पर्याय रहे महर्षि महेश योगी के उत्तराधिकारी लेबनान के तंत्रिका वैज्ञानिक, चिकित्सक और वैदिक विद्वान डॉ. टोनी नाडेर हैं। महर्षि महेश योगी ने वर्ष 2000 में ही टोनी नाडेर को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। पांच फरवरी 2008 को ब्रह्मलीन हुए महर्षि महेश योगी के 70 से अधिक देशों में आश्रम और शैक्षणिक संस्थाएं आदि को संभाल रहे टोनी नाडेर की नेटवर्थ तीन खरब से अधिक आंकी गई है।