प्रयागराजवासी हुए परेशान, कहा- अब बस करो, हमें भी घूमना है महाकुंभ, लगानी है डुबकी
- वसंत पंचमी से माघी पूर्णिमा तक देश-दुनिया से आ रही श्रद्धालुओं की भीड़ देख प्रयागराजवासी कह रहे हैं, अब बस कीजिए, हम भी घूमना चाहते हैं महाकुंभ। बाहरी भीड़ के चलते महाकुम्भ में न जाने की पीड़ा प्रयागराजवासी सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा करने लगे हैं।

संगमनगरी के रहने वालों में अधिकतर ने महाकुंभ में वसंत पंचमी पर संगम स्नान की योजना महीनों पहले से बनाई थी। स्थानीय लोगों को लग रहा था कि हर बार की तरह इस बार भी मौनी अमावस्या तक अधिक भीड़ रहेगी और वसंत पंचमी पर बाहरी श्रद्धालु कम आएंगे। कुंभ और अर्द्ध कुंभ में मकर संक्रांति स्नान पर्व पर स्नान करने वाले स्थानीय लोगों की संख्या अधिक होती थी लेकिन इस बार महाकुम्भ में ऐसा नहीं हुआ। वसंत पंचमी से माघी पूर्णिमा तक देश-दुनिया से आ रही श्रद्धालुओं की भीड़ देख प्रयागराजवासी कह रहे हैं, अब बस कीजिए, हम भी घूमना चाहते हैं महाकुंभ।
बाहरी भीड़ के चलते महाकुम्भ में न जाने की पीड़ा प्रयागराजवासी सोशल प्लेटफॉर्म पर साझा करने लगे हैं। घर और नुक्क़ड़ पर एक ही सवाल, ऐसे ही भीड़ रही तो हम कब महाकुम्भजाएंगे। साझा की जा रही रील्स में प्रयागराज और आसपास जाम, शहर की सड़कों पर चलते लोग, संगम क्षेत्र के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई जा रही है। शहर के रहने वाले अभी सिंह ने एक रील इंस्टाग्राम पर साझा कर महाकुम्भ में भयावह जाम को दिखाया है।
रील पर आ रहे कमेंट में लोग गह रहे हैं कि 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) के बाद ही भीड़ कम होगी। वसंत पंचमी के बाद महाकुम्भमें अचानक बढ़ी भीड़ को देखते हुए शहर के प्रतिष्ठित सराफा कारोबारी पंकज सिंह ने फेसबुक वाल पर लिखा, बख्श दो भैया, अब नहीं झेला जा रहा। शहरवासी ने सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज समेत प्रदेश के कई जिलों और पड़ोसी राज्यों में महाजाम का जिक्र करते हुए घरों में कैद होने की पीड़ा भी बयां किया है।
महाकुम्भ में भीड़ और जाम से परेशानी पर लोगों की ओर से ली जा रही चुटकी पर अरिंदम घोष ने एक हैंडआउट साझा किया है। इसमें 500 रुपये देने वाले के लिए संगम में एक डुबकी लगाने का जिक्र है।