यूपी के संग्रहालय में बनेगी बौद्ध उपासना पद्धति की अंतरराष्ट्रीय गैलरी, ये होगा खास
यूपी के संग्रहालय में बौद्ध उपासना पद्धति की अंतरराष्ट्रीय गैलरी बनेगी। यह गैलरी नवस्थापित आजाद गैलरी के ऊपर बनेगी। संग्रहालय में चीनी रेशम के कपड़ों पर बने बौद्ध उपासना संबंधित 132 दुर्लभ चित्र संरक्षित हैं। यह सभी चित्र 18 और 19वीं शताब्दी के हैं।
प्रयागराज के इलाहाबाद संग्रहालय में दर्शकों को जल्द एक और खास गैलरी देखने को मिलेगी। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की गैलरी होगी, जिसे तिब्बत, मंगोलिया और जापान जैसे देशों में बौद्ध उपासना पद्धति पर केंद्रित किया जाएगा। जहां 18वीं और 19वीं शताब्दी में बौद्ध देवी-देवताओं की उपासना से जुड़े चित्रों को प्रदर्शित करने की तैयारी की गई है। देश के किसी भी राष्ट्रीय संग्रहालय में इस तरह की गैलरी नहीं है। संग्रहालय में इस समय 16 गैलरियां हैं, जिसमें से अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद पर केंद्रीत गैलरी पिछले साल ही स्थापित की गई थी।
शहीद चंद्रशेखर आजाद पर केंद्रीत अनूठी गैलरी के स्थापित होने के बाद संग्रहालय में दर्शकों की संख्या में इजाफा हो गया है। यह संग्रहालय की 17वीं गैलरी होगी। संग्रहालय में इस समय बौद्ध उपासना संबंधी कुल 132 चित्र सुरक्षित रखे गए हैं। सभी चित्र चीनी रेशम के कपड़ों पर बने दुर्लभ संग्रह हैं। इन चित्रों को समय-समय पर सिर्फ प्रदर्शनी के लिए ही निकाला जाता है। यह सभी चित्र नई गैलरी में लगाए जाएंगे।
कोलकाता साइंस सेंटर के इंजीनियरों ने पूरा किया सर्वे
संग्रहालय प्रशासन ने इस अंतरराष्ट्रीय गैलरी को स्थापित करने के लिए कोलकाता साइंस सेंटर से संपर्क किया था। सेंटर से तीन सदस्यीय इंजीनियरों की टीम अक्तूबर के पहले सप्ताह में संग्रहालय पहुंची और गैलरी बनाने के लिए सर्वे किया। गैलरी को बनाने में कितना खर्च आएगा, क्या-क्या उपकरण लगाए जाएंगे और इसे सुरक्षित रखने के लिए किस तरह के उपाय किए जाए, इसे ध्यान में रखते हुए गैलरी स्थापित करने का बजट कोलकता साइंस सेंटर की ओर से ही तैयार किया जाएगा।
इलाहाबाद संग्रहालय के पीआरओ, डॉ. राजेश कुमार मिश्र ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि संग्रहालय प्रशासन की ओर से नई गैलरी बनाने की योजना बनाई जा चुकी है। सर्वे कर चुके इंजीनियर बजट का प्रस्ताव बनाकर जल्द ही देंगे। उसके बाद यह प्रस्ताव संग्रहालय की गवर्निंग बॉडी की बैठक में रखा जाएगा।