फीस न होने के कारण टूट रहा था छात्र का सपना, सुप्रीम कोर्ट पहुंचे अतुल को ऐसे मिल सकेगा IIT में प्रवेश
यूपी के अतुल कुमार का अब आईआईटी धनबाद में प्रवेश होगा। सुप्रीम कोर्ट का रुख करने से उन्हें न्याय मिलने की आस बंधी है। टिटौड़ा का अतुल कुमार आईआईटी धनबाद में तकनीकी कारणों से प्रवेश नहीं ले पाया। कॉलेज की वेबसाइट फीस जमा करने से चार मिनट चार सेकेंड पहले बंद हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद खतौली के छात्र अतुल को एक बार से फिर से आस बंधी है। जिसके बाद उसे आईआईटी धनबाद में प्रवेश मिल सकेगा। कोर्ट ने छात्र को कालेज को नोटिस भेजे जाने का आश्वासन दिया है। जिससे छात्र को न्याय मिलने की उम्मीद है। खतौली थाना क्षेत्र के टिटौड़ा गांव निवासी अतुल पिछले दो दिनों से मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। आईआईटी इंजीनियरिंग में दाखिला लेने से पहले ही अतुल पर किस तरह से परेशानियां आई हैं उसने हिन्दुस्तान टीम से साझा की। बताया कि जेईई एडवांस परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी में दाखिला लेने के लिए पहले काउंसिलिंग हुई, जिसमें धनबाद में इलेक्ट्रिकल में नंबर आया।
गत 24 जून को पांच बजे तक कालेज की फीस जमा करनी थी। घर में रुपये न होने पर गांव के लोगों को मजबूरियां बताई तो उन्होंने मदद की। 4:45 बजे तक फीस का इंतजाम हुआ। दौड़ कर साइबर कैफे पर पहुंचा और कालेज की वेबसाइट पर कागजात तो अपलोड कर दिए। जब फीस जमा करने का नंबर आया तो वेबसाइट बंद हो गई।
बताया कि वेबसाइट चार मिनट चार सेकेंड पहले ही बंद हो गई। कॉलेज में दााखिला न होने पर छात्र ने पहले झारखंड कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने छात्र को कालेज को नोटिस भेजे जाने का आश्वासन दिया है। छात्र को सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने की उम्मीद है।
अतुल के पिता करते हैं मजदूरी
अतुल अपने पिता राजेंद्र का सबसे छोटे बेटा है। अतुल का भाई मोहित कुमार एनआईटी हमीरपुर से एमटेक किया। रोहित कुमार ने आईआइटी खड़कपुर से बीटेक किया है, जबकि अतुल कुमार कालेज में पढ़ाई कर रहा है। बताया कि पिता मेरठ के एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं। पिता को रोजाना की करीब 500 रुपये की मजदूरी पड़ जाती है। मां राजेश खेतों में काम करने के अलावा चारपाई बनाने का काम करती है। पिता ने दिन रात मेहनत मजदूरी कर बच्चों को पढ़ाया।
पिता बोले : और मेहनत करो, कामयाबी जरूर मिलेगी
कालेज में दाखिले को लेकर जो परेशानियां आईं, उससे पिता भी मायूस हो गए हैं। उनका कहना है कि बेटा और मेहनत करो। जो मेहनत करता है एक दिन उनको कामयाबी जरूर मिलती है। अतुल की मां राजेश देवी का ये भी कहना था कि हमारा एक ही लक्ष्य है कि जिस दौर से हम गुजरे हैं बेटों पर वो दौर कभी न आएं। सभी बेटों को अच्छे से पढ़ाना ही उनका एक मात्र लक्ष्य है चाहे इसके लिए उन्हे कोई भी कीमत क्योंनाचुकानीपड़े।
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