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मंकी पॉक्स का अलर्ट! बुखार के साथ दाने-गांठ दिखें तो हो जाएं सावधान, ऐसे करें बचाव

बुखार के साथ शरीर पर दाने और गले व जांघ पर गांठ दिखाई पड़े तो सावधान हो जाएं। इसे चिकन पॉक्स या त्वचा संक्रमण समझने की भूल न करें। ये मंकी पॉक्स के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से दवा लें और खुद को परिवार के बाकी सदस्यों से अलग कर लें।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, मेरठSat, 31 Aug 2024 08:40 AM
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बुखार के साथ शरीर पर दाने और गले व जांघ पर गांठ दिखाई पड़े तो सावधान हो जाएं। इसे चिकन पॉक्स या त्वचा संक्रमण समझने की भूल न करें। ये मंकी पॉक्स के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर से दवा लें और खुद को परिवार के बाकी सदस्यों से अलग कर लें। ये बातें मेरठ मेडिकल कॉलेज में मंकी पॉक्स पर कार्यशाला में डॉक्टर अरविंद ने बताईं। मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।

मेडिसिन विभाग के प्रो. डॉ. अरविंद ने बताया कि मंकी पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। ये खांसने, छींकने, हाथ मिलाने, गले मिलने, दूसरे के कपड़ों को पहनने से होती है। इसके लक्षणों के कारण आमतौर पर लोग इसे चिकन पॉक्स, खसरा, बैक्टीरिया या त्वचा संक्रमण व खुजली समझ लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। इसमें दाने, गले व जांघ में गांठ, बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ का दर्द होता है। मरीज में कमजोरी आ जाती है।

आमतौर पर दो से तीन हफ्ते में ये पूरी तरह से ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामलों में वायरस के मस्तिष्क तक पहुंच जाने से इंसेफेलाइटिस (दिमागी बुखार) भी हो जाता है। ये स्थिति गंभीर हो जाती है। कार्यशाला में प्रो. डॉ. आभा गुप्ता, डॉ. योगिता सिंह, डॉ. संध्या गौतम, डॉ. श्वेता शर्मा, डॉ. स्नेह लता वर्मा, डॉ. राहुल सिंह, डॉ. पंकज कुमारआदिमौजूदरहे।

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ऐसे करें बचाव
- हाथों को साबुन या सेनिटाइजर से बार-बार धोते रहें।
- परिवार के बाकी सदस्यों से दूर रहें, मास्क लगाएं।
- त्वचा को सूखा और खुला रखें। हवादार कमरे में रहें।
- बेकिंग सोडा या एप्सम साल बेकिंग सोडा पानी में डालकर स्नान करें।
- मरीज के पास जाने से के लिए पीपीई किट का प्रयोग करें।

संक्रमित की होती है पीसीआर जांच
मंकी पॉक्स वायरस एक डबल स्टैंडर्ड डीएनए वायरस है, जो ऑर्थोपॉक्स वायरस जेंट्स का है और बॉक्स वायरिंग परिवार में आता है। इसकी जांच के लिए (पीसीआर) पॉलीमरेस चैन रिएक्शन टेस्ट किया जाता है।

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