
बिल्डरों ने एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित जमीन पर ही प्लाटिंग करके बेच डाला, 2 अरेस्ट
संक्षेप: उत्तर प्रदेश में मेरठ के बिल्डराें ने एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित जमीन पर ही प्लाटिंग करके बेच डाला। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। एसओजी टीम ने इस मामले में दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। अन्य की तलाश की जा रही है।
यूपी के मेरठ जिले में बिल्डरों ने दुस्साहिक कांड कर डाला। जनपद के मोदीपुरम में बिल्डरों ने एंटी करप्शन थाने के लिए आवंटित भूमि पर ही प्लाटिंग करके बेच डाला था। इसी मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया, जिसके बाद एसओजी ने एक बिल्डर और उसके साथी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया है। एसओजी ने काफी दस्तावेज भी जुटा लिए हैं। बाकी आरोपियों की तलाश में टीम देररात तक दबिश देती रही, लेकिन सूचना लीक होने के कारण बाकी आरोपी फरार हो गए।

पल्लवपुरम की मधुर एन्क्लेव कॉलोनी में एंटी करप्शन थाने के लिए जमीन आवंटित थी। इसी जमीन पर कब्जा कर मधुर इंफ्रा डवलपर्स लिमिटेड और चंद्रपाल एसोसिएट्स के डायेक्टर और पार्टनरों ने मिलकर करीब .5060 हेक्टेयर भूमि को मधुर एन्क्लेव और पल्लव विहार कॉलोनी में अवैध रूप से कब्जा कर बेच डाला था। जमीन की अनुमानित कीमत करीब 20 करोड़ रुपये बताई गई थी।
इस मामले में 18 जुलाई 2025 को लेखपाल हरवीर सिंह की तहरीर पर पल्लवपुरम थाने में मधुर इंफ्रा डवलपर्स लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष गुप्ता, मधुर इंफ्रा के दूसरे डायरेक्टर आदित्य गुप्ता, चंद्रपाल एसोसिएट्स के डायरेक्टर अंकुश कुमार, चंद्रपाल एसोसिएट्स के दूसरे डायरेक्टर सिद्धार्थ पवार समेत दोनों फर्म के बाकी पार्टनर और साथियों को आरोपी बनाते हुए मुकदमा किया गया था। इस केस में पुलिस जांच में काफी साक्ष्य मिले थे। इसके बाद एसओजी मेरठ की टीम को आरोपियों की धरपकड़ के लिए लगाया गया। एसओजी टीम ने एक आरोपी अंकुश और एक आरोपी अजय चौधरी पुत्र ब्रह्मसिंह निवासी दबथुवा को गिरफ्तार कर लिया है।





