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गायत्री प्रजापति की जमानत याचिका पर फैसला आज, रेप केस में उम्र कैद की काट रहे सजा

यूपी में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शुक्रवार को सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत पर फैसला आएगा। वह दुराचार के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं और पिछले लगभग साढ़े सात साल से जेल में है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 20 Sep 2024 02:04 AM
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यूपी में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में शुक्रवार को सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की जमानत पर फैसला आएगा। वह दुराचार के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं और पिछले लगभग साढ़े सात साल से जेल में है। गायत्री व अन्य अभियुक्तों द्वारा दोषसिद्धि व सजा के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को हाईकोर्ट में अपील के माध्यम से चुनौती दी गई है। उक्त अपीलों में जमानत के प्रार्थना पत्रों पर न्यायालय ने 10 सितम्बर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसे शुक्रवार को 1 बजे सुनाया जाएगा।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी व न्यायमूर्ति मो. फैज आलम खान की खंडपीठ के समक्ष गायत्री प्रजापति के साथ-साथ आशीष कुमार शुक्ला व अशोक तिवारी के जमानत प्रार्थना पत्र भी फैसला सुनाए जाने के लिए सूचीबद्ध किये गए हैं। अभियुक्तों की ओर से मामले के तथ्यों के साथ-साथ मुख्य रूप से उनके द्वारा जेल में बिताई गयी अवधि को भी जमानत का आधार बताया गया है। वहीं राज्य सरकार ने बहस के दौरान जमानत दिये जाने का विरोध किया है। हालांकि गायत्री कई आपराधिक मामलों में जेल में निरुद्ध है लेकिन उसके खिलाफ दर्ज यह मामला सबसे संगीन माना जाता है।

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क्या है मामला
18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में गैंगरेप, जानमाल की धमकी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश पीड़िता की याचिका पर दिया था। पीड़िता ने गायत्री प्रजापति व उनके साथियों पर गैंगेरप का आरोप लगाते हुए अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी जबरन शारीरिक संबध बनाने का आरोप लगाया था। 18 जुलाई, 2017 को पॉक्सो की विशेष अदालत ने इस मामले में गायत्री समेत सभी सात अभियुक्तों विकास, आशीष, अशोक, अमरेंद्र, चंद्रपाल व रुपेश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 डी, 354 ए(1), 509, 504 व 506 में आरोप तय किया था।

साथ ही गायत्री, विकास, आशीष व अशोक के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत भी आरोप तय किया था। 12 नवम्बर 2021 को सत्र अदालत ने गायत्री, आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को उम्र कैद की सजा सुनाई, जबकि बाकी आरोपियों रूपेश्वर उर्फ रूपेश, चंद्रपाल, विकास वर्मा व अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था।

मिली जमानत हाईकोर्ट ने की थी खारिज
मामले में 25 अप्रैल 2017 को गायत्री व दूसरे अभियुक्तों को पॉक्सो कोर्ट ने जमानत दे दी थी। हालांकि राज्य सरकार ने 28 अप्रैल 2017 को ही हाईकोर्ट में उक्त जमानत आदेश को चुनौती दे दी, जिस पर हाईकोर्ट ने उसी दिन सुनवाई करते हुए, 25 अप्रैल 2017 के उक्त आदेश पर रोक लगा दी। बाद में हाईकोर्ट ने ट्रायल विचाराधीन रहने के दौरान गायत्री की ओर से दाखिल जमानत याचिका को भी खारिजकरदियाथा।

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