Hindi NewsUP NewsUP Floods 17 houses 18 Shops Submerged in Ganga River in two minutes due to erosion
दो मिनट में भरभराया दो मंजिला कटरा, बलिया में 17 मकान और डेढ़ दर्जन दुकानें गंगा में समाईं

दो मिनट में भरभराया दो मंजिला कटरा, बलिया में 17 मकान और डेढ़ दर्जन दुकानें गंगा में समाईं

संक्षेप: यूपी के बलिया में गंगा में आई बाढ़ का कहर झेल रही बैरिया तहसील की नदी पार की पंचायत के पुरवा चक्की-नौरंगा में शनिवार को 17 मकानों के साथ ही बाजार का एक कटरा भी नदी में विलीन हो गया। कटरे में करीब डेढ़ दर्जन दुकानें थीं।

Sun, 14 Sep 2025 06:13 AMSrishti Kunj संवाददाता, बलिया
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यूपी के बलिया में गंगा में आई बाढ़ का कहर झेल रही बैरिया तहसील की नदी पार की पंचायत के पुरवा चक्की-नौरंगा में शनिवार को 17 मकानों के साथ ही बाजार का एक कटरा भी नदी में विलीन हो गया। कटरे में करीब डेढ़ दर्जन दुकानें थीं। इस साल की बाढ़ में यह सबसे बड़ी क्षति है। इसी के साथ अबतक इस वर्ष 116 मकान गंगा में समा चुके हैं। कटान के इस तेवर को देखकर पूरी बस्ती में खौफ है।

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गंगा की उतरती लहरें शनिवार सुबह से आबादी के पास काफी उग्र हो गईं। ग्रामीणों के अनुसार सुबह आठ बजे से कटान का कहर लगातार जारी है। इस बीच बस्ती के उमाशंकर साह, भोला ठाकुर, राधेश्याम ठाकुर, संतोष ठाकुर, विकाश ठाकुर, प्रदीप कुमार राम, राजेन्द्र राम, हीरामन राम, गोगा राम, रामचंद्र, कमलेश, छोटक, शिवनरायन, रामजीत, शिवाधार, एकराम और संतोष कुमार के कच्चे और पक्के मकान कटान की भेंट चढ़ गए।

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नदी के उग्र तेवर को देख पूरी बस्ती में अफरा-तफरी मच गई। कटान की सूचना पर बड़ी नाव से भुआलछपरा और नौरंगा से पहुंचे लोग अपनों के सामान को सुरक्षित करने में लगे हुए थे। आपदा के बीच शासन-प्रशासन की उदासीनता इन पीड़ितों के दर्द को और बढ़ा रही है।

कटान की भेंट चढ़ा बाजार, दो मिनट में भरभराया दो मंजिला कटरा

गंगा की लहरें नदी पार की पंचायत नौरंगा के चक्की-नौरंगा पर शनिवार को कहर के रूप में टूट पड़ी हैं। यदि कोई करिश्मा हुआ भी और कुछ आबादी बच भी गई तो भी यहां की निशानियां यादों में सिमट कर रह जायेगी। निर्माणाधीन शिवमंदिर, बाढ़ शरणालय, कुंआ आदि तो पिछले एक माह के अन्दर विलीन हो ही चुके थे, शनिवार को करीब चार सौ घरों के हजारों की आबादी की जरूरते पूरी करने वाला चक्की-नौरंगा बाजार का अस्सी प्रतिशत हिस्सा भी कटान की भेंट चढ़ गया।

यहां की सिर्फ निशानियां ही नहीं, शनिवार को नदी के कटान से फैली दहशत भी यहां के लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे। आलम यह था कि बाजार स्थित कुल 17 दुकानों वाला भोला ठाकुर का दो मंजिला मकान (कटरा) दो मिनट के अन्दर नदी में विलीन हो गया। ग्रामीणों के अनुसार इसके निचले तल पर 10 तथा ऊपरी तल पर सात दुकानें थीं। हालांकि कटान के जद में आ जाने के बाद दुकानदार अपना सामान निकाल चुके थे।

राकेश ठाकुर, विकास ठाकुर, रविन्द्र ठाकुर आदि ने बताया कि बाजार में आवश्यकता के सारे सारे समान उपलब्ध रहते थे। गांव के बीच एकलौता बाजार का लाभ यह था कि खेती किसानी के काम में पुरुष सदस्यों के व्यस्त रहने पर महिलाएं भी यहां आकर जरूरी सामानों की खरीददारी कर लेती थीं। शाम को यहां बैठकी का दौर चलता था, जहां देश-दुनिया की राजनीति पर भी बहस होती थी।

कुआं-कॉलेज विलीन के बाद और बढ़ा कहर

मलिन बस्ती का कुआं तथा बिहार के जेवईनिया इंटर कालेज का अस्तित्व समाप्त हो जाने के बाद से चक्की-नौरंगा पर कटान का कहर और बढ़ गया है। उक्त दोनों निर्माण इस आबादी के लिये ठोकर का कार्य कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार गंगा की लहरें इनसे टकराने के बाद काफी हद तक शिथिल पड़ जा रही थीं। इन दोनों निर्माणों के विलीन हो जाने के बाद अब सीधे आबादी की सौ मीटर लम्बाई के बीच बिल्कुल सट कर बैकरोल कर रही है। जिससे नुकसान की गति काफी बढ़ गई है।

Srishti Kunj

लेखक के बारे में

Srishti Kunj
सृष्टि कुंज ने जर्नलिज्म एंड मास कॉम में डिग्री ली है। एक दशक से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हैं। पंजाब केसरी ग्रुप के साथ करियर की शुरुआत की। वर्तमान में लाइव हिन्दुस्तान में उत्तर प्रदेश की राजनीति और क्राइम की खबरें लिखती हैं। और पढ़ें
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