आज झूले पर रत्न जड़ित रजत दोलन पर सवार रामलला की शृंगार आरती, ऐसे दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु
अयोध्या राम मंदिर में आज झूले पर ही रामलला की शृंगार आरती होगी। गर्भगृह के बाहर रत्न जड़ित रजत दोलन पर रामलला विराजित होंगे। झूलनोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को 20 फिट दूर से रामलला के दर्शन होंगे।
राम मंदिर में पहली बार झूलनोत्सव की तैयारियां चल रही है। इस प्रथम सांस्कृतिक उत्सव को यादगार बनाने की तैयारी की गई है। सुरक्षा कारणों से सामान्य मंदिरों की तरह यहां उत्सव दुर्लभ है क्योंकि आम श्रद्धालुओं को उत्सव में शामिल करना संभव नहीं है। फिर भी प्राण-प्रतिष्ठा के बाद जिस तरह 48 दिनों तक रागोत्सव चला था, उसी तर्ज पर पुनः रागोत्सव के आयोजन का विचार है।
सब कुछ ठीक रहा तो एकादशी से यहां देश के मूर्धन्य शास्त्रीय संगीतज्ञों का जमावड़ा होगा। इस बीच नाग पंचमी पर्व पर शुक्रवार को सुबह रामलला की शृंगार आरती झूले पर ही होगी। राम मंदिर निर्माण प्रभारी व विहिप के केन्द्रीय मंत्री गोपाल राव का कहना है कि रामलला का झूलनोत्सव गर्भगृह के बाहर मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गर्भगृह के बाहर झूलनोत्सव के आयोजन से यहां आने वाले संत-महात्मा भी भगवान को झूला झुला सकेंगे।
इसके अलावा आम श्रद्धालुओं को भी रामलला का दर्शन नजदीक यानी करीब 20 फिट की दूरी से हो सकेगा। गर्भगृह में विराजित रामलला की वर्तमान दर्शन स्थल से दूरी करीब साठ फिट है। उन्होंने बताया कि झूलनोत्सव के साथ ही प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शुरू हो जाएगा। इसका शुभारम्भ मंदिर परम्परा के शास्त्रीय संगीतज्ञ व कलाकारों के द्वारा होगा।
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तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र में प्रतिदिन चलेगा भंडारा
मंदिर निर्माण प्रभारी गोपाल राव के अनुसार झूलनोत्सव के अवसर पर नौ अगस्त से लेकर 19 अगस्त तक प्रतिदिन मंदिर परिसर में स्थित तीर्थ यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) में प्रातः नौ बजे से सायं छह बजे तक भंडारे का भी आयोजन होगा। इस भंडारे में श्रद्धालुओं को नि: शुल्क प्रसाद वितरित किया जाएगा। तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र का कहना है कि अभी राम मंदिर के साथ पूरे परिसर में निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही दर्शन भी हो रहा है। इन स्थितियों में बहुत बड़े या व्यापक स्तर के कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं है। निर्माण पूरा होने के बाद हर अवसर पर उत्सव होगा। फिलहाल परम्परा का निर्वहन होता रहेगा।
उत्सव विग्रह के रूप में विराजमान रामलला व उनके अनुज झूले पर विराजेंगे
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित रामलला यथा आसन पर स्थिर रहेंगे और उनके स्थान पर विराजमान रामलला (जो अवर न्यायालय से लेकर सुप्रीम अदालत तक पक्षकार रहे) को उत्सव विग्रह के रूप में झूले पर विराजित किया जाएगा। उनके साथ तीनों अनुज भरत-शत्रुघ्न व लक्ष्मण भी झूले पर विराजित होंगे। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री ने बताया कि पंचमी के पर्व पर भगवान की शृंगार आरती झूले पर ही होगी। उन्होंने बताया पहले सुरक्षा के मामले व अदालती आदेश के कारण उत्सव की औपचारिकता पूरी की जाती थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से उत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम सबकी इच्छा है कि भगवान का उत्सव पूरी भव्यता और दिव्यता मनायाजानाचाहिए।
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