
बेटे ने पत्थर के दो टुकड़े कर पिता पर पटककर मारा, 200 रुपये के लिए कर दी हत्या
संक्षेप: यूपी के औरैया में दिबियापुर थाना क्षेत्र के बख्ताबरपुर गांव में बुधवार देर रात दो सौ रुपये के लिए बेटे ने पिता के सिर पर पत्थर पटककर जान ले ली। बेटा शराब पीने के लिए रुपये मांग रहा था। मना करने पर सोते समय उन पर हमला कर दिया।
यूपी के औरैया में दिबियापुर थाना क्षेत्र के बख्ताबरपुर गांव में बुधवार देर रात दो सौ रुपये के लिए बेटे ने पिता के सिर पर पत्थर पटककर जान ले ली। बेटा शराब पीने के लिए रुपये मांग रहा था। मना करने पर सोते समय उन पर हमला कर दिया। मृतक के बड़े बेटे की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बंजारा समुदाय के 45 वर्षीय गंगा सिंह फेरी और मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। उनकी पत्नी कुसुम देवी ने बताया कि बुधवार रात को छोटा बेटा साहब सिंह उर्फ कौआ शराब पीने के लिए अपने पिता से दो सौ रुपये मांग रहा था।
पैसा देने से मना करने पर उसने पिता से गालीगलौज की। इसके बाद वह और पति गंगा सिंह छत पर जाकर सो गए। रात करीब तीन बजे साहब सिंह छत पर चकिया (हाथ से चलने वाली) का पत्थर लेकर पहुंचा। छत पर पटककर पत्थर के दो टुकड़े किए। गंगा सिंह की पत्नी के मुताबिक इस बीच उसकी आंख खुल गई।
वह कुछ कह पाती तब तक उसने पत्थर का एक टुकड़ा उठाकर गंगा सिंह के सिर पर दे मारा। उन्हें सीएचसी दिबियापुर ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने सौ शैय्या अस्पताल और फिर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। थाना प्रभारी रुद्र प्रताप त्रिपाठी ने बताया कि बड़े बेटे करन की तहरीर पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पत्थर पटक दो हिस्से किए एक पिता के सिर दे मारा
पत्नी के छोड़कर के चले जाने से नशे के आदी हुए दिबियापुर थाना क्षेत्र बख्तावरपुर गांव निवासी साहब सिंह ने बड़े ही नृशंस तरीके से अपने पिता गंगा सिंह की जान ली है। दो सौ रुपये न देने के विवाद में वह चकिया का पत्थर लेकर छत पर पहुंचा। पहले पत्थर को पटककर उसके दो टुकड़े किए। इसके बाद एक टुकड़ा उठाकर पिता के सिर पर दे मारा। इससे उनकी जान चली गई।
गंगा सिंह की मौत के बाद उनका घर मातम में डूबा है। पत्नी कुसुमा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़ा बेटा करन जब गांव पहुंचा तो पिता की लाश देखकर फफक पड़ा। वहीं गांव के लोग भी स्तब्ध हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सुमन चतुर्वेदी का कहना है कि यह घटना केवल हत्या नहीं, बल्कि परिवारिक मूल्यों के गिरते स्तर का आईना है। पैसों की वजह से रिश्तों में कड़वाहट आना नया नहीं है, लेकिन अपने ही पिता को मौत के घाट उतार देना समाज के लिए बेहद दर्दनाक है।गांव के बुजुर्ग रामलाल कहते हैं कि हमारे जमाने में झगड़े होते थे तो पंचायत बिठाई जाती थी, समझाया-बुझाया जाता था। आजकल बच्चे किसी की सुनते ही नहीं।
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी बेटा
गुस्सा और नशा रिश्तों को तबाह कर रहा है। नशा और बेरोजगारी भी कारण आरोपी साहब सिंह के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि वह नशे का आदी था और अक्सर पैसों के लिए पिता से उलझता रहता था। कुछ समय पहले उसकी पत्नी छोड़कर चली गई, जिससे वह और चिड़चिड़ा हो गया था। गांव के युवा भी इस घटना से व्यथित हैं। उनका कहना है कि अगर परिवार में आपसी बातचीत और समझ होती तो शायद हालात इतने भयावह न होते। एक युवक ने कहा कि आज पैसों की कीमत खून से ज्यादा हो गई है।





