Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Assembly By Election dates voting on 13 November counting results on 23 November

उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीख घोषित, 13 को वोटिंग, 23 नवंबर को नतीजे

यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जा रहे उपचुनावों का सेट तैयार हो गया है। दस में से नौ सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतगणना के साथ नतीजे घोषित हो जाएंगे।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 15 Oct 2024 02:15 PM
share Share

यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल कहे जा रहे उपचुनावों का सेट तैयार हो गया है। सभी सीटों पर एक साथ 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को मतगणना के साथ नतीजे घोषित हो जाएंगे। चुनाव आयोग ने मंगलवार को यूपी की दस विधानसभा सीटों में से नौ सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर फिलहाल उपचुनाव नहीं होगा। जिन सीटों पर वोटिंग होगी उनमें मैनपुरी की करहल, अलीगढ़ की खैर, बिजनौर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, गाजियाबाद की गाजियाबाद, मिर्जापुर की मझवां, अम्बेडकरनगर की कटेहरी, संभल की कुंदरकी और कानपुर की सीसामऊ सीट है।

चुनाव आयोग की तरफ से जारी कार्यक्रम के अनुसार 18 अक्टूबर को अधिसूचना के साथ ही नामांकन शुरू हो जाएंगे। 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किया जा सकेगा। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिये जा सकेंगे।

ये भी पढ़े:अयोध्या की मिल्कीपुर में क्यों टली वोटिंग? UP में दस में से नौ सीटों पर ही चुनाव

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडिया गठबंधन से हारने के बाद भाजपा के पास 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले माहौल बनाने का उपचुनाव एक मौका है। भाजपा ने इसके लिए तैयारियां भी काफी समय पहले से शुरू कर दी हैं। सभी सीटों पर तीन-तीन मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लोकसभा चुनाव के बाद सभी दस सीटों पर दौरे कर चुके हैं।

ये भी पढ़े:अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर भी चुनाव का रास्ता होगा साफ? वकील ने किया बड़ा ऐलान

सपा ने दस में से छह सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। पहली बार उपचुनाव के मैदान में आ रही बसपा भी मिल्कीपुर समेत दस में से पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर चुकी है। भाजपा के प्रत्याशियों का ऐलान भी एक दो दिन में होने की संभावना है। भाजपा दस में से नौ सीटों पर खुद उतरने की तैयारी में है। एक सीट मीरापुर जयंत चौधरी की पार्टी रालोद को दी जा सकती है।

लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान यूपी में ही हुआ था। भाजपा यूपी की 80 में से पिछली बार 62 सीटें जीती थी। इस बार उसे 33 पर ही जीत मिली। सहयोगी रालोद ने दो और अपना दल ने एक सीट जीती। इससे एनडीए 36 सीटें जीत सका। सपा अकेले इससे ज्यादा 37 सीटें जीत गई। कांग्रेस को छह सीटों पर जीती मिली थी।

उपचुनाव का परिणाम यह तय करेगा कि सपा-कांग्रेस को यूपी में मिली जीत एक तुक्का था या बीजेपी को आगे भी मुश्किलें झेलनी होंगी। उपचुनाव में बीजेपी के सामने चुनौती इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान इन नौ में से पांच सीटों पर सपा को बढ़त मिली है।

सपा-भाजपा की क्या है रणनीति

भाजपा ने हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों को मैदान में उतारा है। अयोध्या की मिल्कीपुर और मैनपुरी की करहल सीट पर चार-चार मंत्री उतारे गए हैं। भाजपा का जोर फिलहाल हिन्दुत्व और विकास कार्यों पर ही वोटिंग कराना है। वहीं, सपा एक बार फिर पीडीए के फार्मूले पर काम कर रही है। दस में छह सीटों पर उतारे गए प्रत्याशी भी पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समाज से हैं।

भाजपा के सामने ज्यादा चुनौती

उपचुनाव में भाजपा के सामने चुनौती ज्यादा मानी जा रही है। सपा-भाजपा दोनों के पास पांच चार महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव के समय उपचुनाव वाली सीटों पर पड़े वोटों को देखें तो सपा भारी दिखाई देती है। दस में से छह सीटों पर सपा ने भाजपा पर बढ़त बनाई थी।

पिछले विधानसभा चुनाव में सपा और भाजपा के पास पांच-पांच सीटें थीं। लोकसभा चुनाव में विधायक से सांसद बने सभी विधायक (प्रवीण पटेल को छोड़कर) अपनी सीटों पर बढ़त हासिल करने में कामयाब हुए। फूलपुर से सांसद बने भाजपा विधायक प्रवीण पटेल केवल अपनी सीट पर पिछड़ गए थे।

इन विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई सीटें

मैनपुरी की करहल सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सांसद बनने से खाली हुई है। इसी तरह अयोध्या की मिल्कीपुर सीट सपा के अवधेश प्रसाद, अम्बेडकरनगर की कटेहरी सीट सपा के लालजी वर्मा, संभल की कुंदरकी सीट सपा के जियाउर्रहमान बर्क के सांसद बनने से रिक्त हुई।

अलीगढ़ की खैर सीट भाजपा के अनूप प्रधान वाल्मीकि, बिजनौर की मीरापुर सीट रालोद के चंदन चौहान, प्रयागराज की फूलपुर सीट भाजपा के प्रवीन पटेल, गाजियाबद की सीट भाजपा के अतुल गर्ग, मिर्जापुर की मझवां सीट निषाद पार्टी के विनोद बिंद के इस्तीफे से रिक्त हुईं है। कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा के कारण खाली हुई है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें