
यमुना में बाढ़ से मथुरा में हालात बिगड़े, आगरा में अलर्ट; चंबल और उटंगन भी उफान पर
संक्षेप: मूसलाधार बारिश और यमुना में आई बाढ़ से मथुरा, आगरा में हालात खराब हो गए हैं। मथुरा में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 86 सेमी ऊपर चल रहा है तो आगरा में यमुना मध्यम बाढ़ स्तर से ऊपर। आगरा में अलर्ट जारी किया गया है। कासगंज में गंगा भी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है।
मूसलाधार बारिश और यमुना में आई बाढ़ से मथुरा, आगरा में हालात खराब हो गए हैं। मथुरा में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 86 सेमी ऊपर चल रहा है तो आगरा में यमुना मध्यम बाढ़ स्तर से ऊपर। आगरा में अलर्ट जारी किया गया है। कासगंज में गंगा भी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। प्वाइंट 499 फुट से कुछ ही इंच नीचे है। इससे ताजमहल की दीवार और बटेश्वर के ब्रह्मलाल मंदिर तक पानी पहुंच गया है।

यमुना में गोकुल बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी से तेजी से जलस्तर बढ़ने की संभावना है। ये शनिवार सुबह तक 500 फुट तक पहुंचने की आशंका है। वहीं मथुरा में प्रयाग घाट पर गुरुवार सायं छह बजे तक जलस्तर खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर 166.58 मीटर पर था। ये ठीक 24 घंटे बाद शुक्रवार सांय छह बजे 166.86 मीटर पर पहुंच गया है। शुक्रवार की आधी रात के बाद इसके एक मीटर ऊपर हो जाने की आशंका है। पानी शहर में घुस जाएगा।
आज 12वीं तक स्कूल बंद
आगरा-मथुरा में शनिवार को भारी बारिश, जलभराव से नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। अब सोमवार को स्कूल खुलेंगे। यहां 4 सितंबर को भी इसी वजह से अवकाश घोषित हुआ था।
खतरे की सीमा लांघने को बेकरार यमुना
यमुना नदी खतरे के निशान से केवल आठ इंच नीचे बह रही है। पानी शहर और गांव में घुसना शुरू हो गया है। कैलाश गांव में पानी पहुंच गया है, जबकि दयालबाग से एत्मादउद्दौला तक आधा दर्जन कॉलोनियां खतरे के मुहाने पर हैं। ताज व्यू प्वाइंट और मेहताब बाग जलमग्न हो गए हैं। बटेश्वर मंदिर परिसर में पानी भरने के कारण प्रशासन ने दुकानों को खाली कराना शुरू कर दिया है।
सिंचाई विभाग का कहना है कि शनिवार तक नदी का जलस्तर 499 फीट पार कर जाएगा। हथिनी कुंड बैराज से एक सितंबर को 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। गुरुवार को गोकुल बैराज से 2,44,478 क्यूसेक पानी पास हुआ, जिससे मथुरा में तबाही मच गई। गुरुवार रात आठ बजे 1,11,523 क्यूसेक पानी आगरा की ओर छोड़ा गया, जिसे शुक्रवार रात आठ बजे बढ़ाकर 1,26,151 क्यूसेक कर दिया गया। ओखला से छोड़ा गया पानी तीन दिन और गोकुल से छोड़ा गया पानी 24 घंटे बाद असर दिखाता है। जलस्तर 498.2 फीट पहुंच गया है।
कैलाश गांव का मंदिर क्षेत्र और दयालबाग के एक स्कूल का खेल का मैदान पानी में डूब गया है। नगला बूढ़ी, अमर विहार, मनोहरपुर, सिकंदरपुर, बल्केश्वर, मोतीमहल, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टॉकीज, यमुना किनारा रोड सहित सदर तहसील और फतेहाबाद के गांव प्रभावित हैं।
सोमवार तक यमुना का जलस्तर 500 फीट तक पहुंच सकता
यमुना का जलस्तर कितना बढ़ेगा, यह फिलहाल अनुमान का विषय है। गोकुल बैराज से छोड़ा गया पानी स्थिति को तय करेगा। सिंचाई विभाग के पूर्व अधिकारी के अनुसार, वर्तमान में नदी लबालब है और गोकुल से छोड़ा गया 1,26,151 क्यूसेक पानी आगरा में जलस्तर 500 फीट तक ले जा सकता है। गुरुवार को ओखला से छोड़ा पानी मथुरा पहुंचा है, जबकि गोकुल से छोड़ा पानी आगरा की स्थिति स्पष्ट करेगा। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी सहित अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं। नदी किनारे पुलिस तैनात है, घाट बंद किए गए हैं और मुनादी कर लोगों को सचेत किया जा रहा है।
सैकड़ों गांवों तक पहुंचा पानी चंबल और उटंगन में भी उफान
सदर तहसील के समोगर, नूरपुर, तनोरा, बुर्ज, मेहरा नाहरगंज तथा तहसील फतेहाबाद के नरी कांकर, मझटीला, बरीपुरा, ईधौन, पारोली, बमरोली, भोलपुरा, धारापुरा, चर्रपुरा, मेहरा, स्वारा, सिलावली, रिहावली में यमुना नदी का पानी घुस रहा है। इधर, फतेहाबाद तहसील में उटंगन नदी में पानी बढ़ने से वरना, शालूवाई, नागर, भोगपुरा, निबोहरा, शाहवेद सहित अन्य गांवों में पानी खेतों तक पहुंच गया है। फसलें जलमग्न हो गई हैं। इधर, चंबल नदी का जलस्तर भी 125 मीटर पहुंच गया है। ये बाढ़ की चेतावनी स्तर से महज दो मीटर नीचे है। यह पानी चंबल की सहायक नदियों से आ रहा है। इससे लोगों में आतंक फैला है।
कंट्रोल रूप नंबर
0562-2260550 06458095419





