बोले उन्नाव : हम सब्जी दुकानदारों के हिस्से..सिर्फ सब्जबाग
Unnao News - शहर के सब्जी मंडी में विक्रेताओं को जगह की कमी और अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। बारिश के कारण जलभराव और महंगाई के चलते व्यापार में 40 फीसदी की गिरावट आई है। विक्रेताओं ने मूलभूत सुविधाओं की कमी...
शहर के दिल बड़े चौराहे पर लगने वाली सब्जी मंडी में विक्रेताओं को जगह की कमी और अतिक्रमण के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर किसान अपनी उपज बेचने के लिए तो आते हैं, लेकिन अव्यवस्थाएं इस कदर हावी हैं कि व्यापार से ज्यादा समय इनसे जूझने में चला जाता है। हमारी सब्जियां आपके किचन की शोभा हैं, लेकिन उससे पहले इन्हें यहां गंदगी और बदबू के बीच से होकर गुजरना पड़ता है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से सब्जी विक्रेताओं ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में कहा कि पानी और लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी दर-दर ठोकरे खाने को मजबूर हैं। इस कारण सब्जी मंडी के कारोबार में 40 फीसदी की गिरावट आई है।
शहर का दिल कहे जाने वाले बड़े चौराहे पर आजादी से पहले सब्जी मंडी की स्थापना हुई। यह उस समय की अकेली सब्जी मंडी थी। धीरे-धीरे फुटकर बिक्री के साथ ही जिलेभर में थोक मंडी के रूप में भी एकमात्र ठिकाना बन गया। यहां रोजाना 240 से अधिक दुकानें सजती हैं। करीब एक सैकड़ा व्यापारी ऐसे हैं, जिन्हें जगह अलॉट है या उनके चबूतरे बने हैं। बाकी लोगों को जहां ठिकाना मिल जाता है, वहीं अपनी दुकानें सजा लेते हैं। बारिश के दिनों में जलभराव का सितम झेलने वाले सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि सरकारी मशीनरी सिर्फ उनका शोषण करती है। बारिश के दिनों में सैलाब नजर आता है। इस कारण दुकानदारी बंद होने पर घर चलाना मुश्किल हो जाता है। रोजी-रोटी पर संकट की चिंता किसी को नहीं रहती है। महंगाई के दौर में सब्जी उगाने से लेकर बेचने तक जो खर्च आता है, वह मुनाफे की आस को खत्म कर देता है। आलू विक्रेता मुमताज मियां कहते हैं कि अब इस धंधे में पहले जैसी बात नहीं रही है। हर तरफ महंगाई है। खरीदार भी कम हैं। मालभाड़ा, लागत, बिक्री के लिए आढ़त शुल्क देने में ही सब्जी विक्रेताओं की हालत खराब है।
महंगाई के फेर में उचित बचत निकालना मुश्किल
बांगरमऊ, सफीपुर, सदर तहसील का परियर, शुक्लागंज, गंजमुरादाबाद अन्य क्षेत्रों में किसान बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन करते हैं। 84 किलोमीटर क्षेत्र की गंगा कटरी सबसे बड़ा सब्जी उत्पादक क्षेत्र है। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में करीब 26 हजार हेक्टेयर से ज्यादा में किसानों ने आलू के अलावा टमाटर, धनिया, मिर्च, कद्दू, लौकी, करेला सहित अन्य सब्जियों की खेती की है। इसमें 590 हेक्टेयर में टमाटर है। इन सब्जियों की बिक्री शहर के अलावा लखनऊ, कानपुर, हरदोई और रायबरेली तक की जाती है, लेकिन उचित कीमत और दूसरे जिलों में ले जाने पर वाहन भाड़ा आदि खर्च के बाद उचित बचत न निकलने से किसान खर्च हुई लागत नहीं निकाल पा रहे हैं।
नवीन मंडी बनी तो अस्तिव पर खतरा मंडराया
रियाज और शिवनंदन का कहना है कि नवीन मंडी के लिए शहर के बाहर जगह चयनित की गई है। निर्माण भी हो गया। इसके बाद बड़े चौराहे पर बनी मंडी का अस्तित्व खतरे में पड़ गया। फुटकर सामान की भी बिक्री थोक दुकानों में की जा रही है। इस पर जिम्मेदारों को नजर इनायत कर इसे रोकना चाहिए।
पुरानी मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार
शहर के सब्जी मंडी में अव्यवस्थाओं का अंबार है। यहां निकासी की व्यवस्था धड़ाम है। शौचालय के अलावा पेयजल की आपूर्ति भी सुव्यवस्थित नहीं है।
अरे साहब... हमारी भी सुन लीजिए
शहर में सब्जी मंडी के अलावा सड़क किनारे भी तकरीबन एक सैकड़ा दुकानें सब्जी की सजती हैं। यहां पर व्यवसाय करने वाले लोगों को हर पल चिंता सताती रहती है कि पता नहीं कि कब वो अतिक्रमण की जद में आ जाएं। शिव दुलारी कहती हैं कि उनकी अस्पताल रोड पर सड़क किनारे दुकान है। अतिक्रमण हटाओ अभियान चलता तो इस आशियाने को भी प्रशासन द्वारा तहस-नहस कर दिया जाता है। हमारा न ही कोई सरकार रजिस्ट्रेशन कराती और न प्रशासन। हमारी कोई सुनने वाला नहीं है। बस दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
मंडी में हर समय रहता जाम का झाम, होते हैं विवाद
मंडी में जहां मूलभूत समस्याओं का अभाव है। वहीं, हर दिन जाम की समस्या भी आम है। सुबह से शाम तक अधिकांश समय यहां पर जाम लगा रहता है। इससे आवागमन भी काफी प्रभावित होता है। जाम की वजह से सब्जियों को लाने व ले जाने में भी काफी समस्याएं होती हैं। कई बार वाहनों के जाम में फंसने की सूरत में विवाद के हालात भी बन चुके हैं। यह समस्या भी मंडी के लिए नासूर बनी है।
सुझाव
1. प्रशासन की ओर से नो एंट्री के समय में फेरबदल किया जाना चाहिए ताकि किसान शहर के अंदर अपना माल लाकर बिक्री कर सकें।
2. नवीन मंडी में केवल थोक सब्जी की ही बिक्री की जानी चाहिए। फुटकर बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए। इससे धंधे पर असर पड़ रहा है।
3. पालिका की ओर से सब्जी मंडी के लिए निर्धारित स्थल का चयन किया जाए। पट्टा अलॉट कर दुकानदारों को दिया जाए।
4. नगर पालिका की ओर से शहर में पार्किंग व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि वाहन खड़े करने में दिक्कत न हो।
5. बिजली व्यवस्था दुरुस्त न होने से शाम होते ही दुकान बंद करनी पड़ जाती है। इससे दुकानदारी नहीं हो पाती है। बिजली बिल में छूट दी जानी चाहिए।
शिकायतें
1. शहर में जगह-जगह लगने वाली सब्जी मंडियों पर रोक लगाई जाए। इसके बाद ही शहर के अंदर की मंडी में रौनक लौट सकती है।
2. गांवों से आने वाले किसानों के वाहनों को खड़ा करने के लिए कोई निर्धारित स्थल नहीं है। इसलिए बाहर से सब्जी बेचकर चले जाते हैं।
3. पानी, सफाई और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पालिका की ओर से मंडी में मुहैया नहीं करवाई जाती है। इस कारण ग्राहकों के साथ-साथ दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
4. चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी माल लदे वाहन चालकों को बेवजह परेशान करते हैं।
5. बारिश दौरान होने वाले जलभराव और कीचड़ से धंधे पर असर पड़ता है।
बोले सब्जी विक्रेता
सब्जी की बिक्री कर घर का खर्च और बच्चों को पढ़ाना दूभर हो गया है। पहले जैसा धंधा अब नहीं है। मुनाफा न के बराबर है। -रामबाबू
कच्चा बाना होने से नुकसान बहुत अधिक है। बाहरी किसान बेचकर चले जाते हैं। बिक्री करने तक काफी खराब हो जाता है। - शकील
पहले सदर, किला स्थित दो सब्जी मंडी थी। अब आधा दर्जन स्थानों पर अवैध मंडियां संचालित हैं। इससे घाटा हो रहा है। - दीपू
बारिश के दौरान मंडी में जलभराव के साथ कीचड़ हो जाता है। इस कारण ग्राहकों को आने में काफी परेशानी होती है। - रामलखन
नवीन मंडी में थोक के बजाय फुटकर बिक्री की जा रही है। इस कारण मंडी में ग्राहक आना मुनासिब नहीं समझते हैं। - सुलेमान
मोहल्लों में ठिलिया वाले सब्जियों की बिक्री कर रहे हैं। अधिकतर लोग इन्हीं से खरीद लेते हैं। इस कारण काफी नुकसान हो रहा है। - सुरेश
बोले जिम्मेदार
इन्हें कार्रवाई की जद से अलग रखते हैं
सब्जी विक्रेता सड़क तक कब्जा करते हैं तो उन्हें समझाया जाता है। कार्रवाई की जद से उन्हें बिल्कुल अलग रखा जाता है। अगर समस्या है तो हमें बता सकते हैं। जल्द समाधान होगा। - श्वेता मिश्रा, अध्यक्ष- पालिका उन्नाव
नवीन मंडी में फुटकर बिक्री पर पूरी तरह रोक
नवीन मंडी में जो फुटकर दुकानदार सब्जी खरीदारी के लिए आते हैं, उन्हें यहां सहूलियत दी जाती है। इसी वजह से नवीन सब्जी मंडी में फुटकर बिक्री पर रोक है ताकि यहां से खरीदारी करके सब्जी ले जाने वाले छोटे दुकानदार बाहर माल बेचकर मुनाफा कमा सकें। -सुधीर सिंह, नवीन मंडी सचिव
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