पशुओं का पेट भरने के लिए बच्चियों ने तोड़ दी गुल्लक
To feed the animals, girls broke their piggy bank
कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए हालात ने सभी को असहाय कर दिया है। इंसान के अलावा पशु भी पेट भरने को इधर उधर भटक रहे हैं। भूख से बेहाल इन बेजुबानों की पीड़ा शहर की दो मासूम बहनों ने महसूस किया और उनके चारे के प्रबंध के लिए अपनी गुल्लक तोड़ उसमें से निकले दो हजार रुपये जीव आश्रय संस्था को दान कर दिया। बच्चियों ने पॉकेट मनी से जोड़-जोड़कर इतने रुपए इकट्ठा किए थे। दोनों मासूम बहनों की इस कदम की हर तरफ सराहना हो रही है।
जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में तैनात लैब टेक्नीशियन शशिप्रभा की दो बेटियां छह साल की कनिका व चार साल की अविका है। दोनों पशुओं से बहुत प्रेम करती हैं। दोनों ने रविवार शाम हनुमंत जीव आश्रय संस्था के सदस्यों को भूखे पशुओं को चारा खिलाते देखा था। तभी उनके मन में संस्था की मदद करने का विचार आया। दोनों ने उसी समय घर में रखी कुछ सब्जियां उठाकर संस्था के सदस्यों को सौंप दी। शाम को ड्यूटी से घर लौटीं मां को दोनों सारी बात बताई।
प्रोत्साहन मिलने से खुश दोनों बहनों ने पशुओं के लिए और मदद करने की ठानी और अपनी गुल्लक लेकर मां के सामने पहुंच गई। दोनों बच्चियों ने मां के सामने ही पॉकेट मनी जोड़कर भरी गई गुल्लक तोड़ दी। उससे निकले दो हजार रुपए मां को देते हुए कहा कि इसे जानवरों को खाना खिलाने के लिए दे दो। शशिप्रभा ने सोमवार को हनुमंत जीव आश्रय संस्था को रुपए सौंप दिए।