बाघ को पकड़ेगी लखीमपुर दुधवा नेशनल टाइगर की टीम
औरास। संवाददाता आदमखोर बाघ को तीन दिन तक पकड़ने में असफल वन विभाग ने
औरास। संवाददाता
आदमखोर बाघ को तीन दिन तक पकड़ने में असफल वन विभाग ने लखीमपुर और पीलीभीत के वन अधिकारियों को बुलाया है। रविवार सुबह पहुंची दो सदस्यीय टीम ने गांव के जंगलों में पैरों के निशान देखे।
थाना क्षेत्र के रामपुर गढ़ौवा गांव में गुरुवार शाम बाघ ने हमला कर दो लोगों को घायल कर दिया था। जिसमें एक युवक की मौत हो गई थी। शुक्रवार को मुख्य वन संरक्षक लखनऊ आरके सिंह ने पैरों के निशान देख टाइगर की पुष्टि की थी। वन विभाग की टीम बाघ को पकड़ने में असफल रही। आक्रोशित ग्रामीणों ने शुक्रवार सुबह नहर पुल पर जाम लगा दिया था। डीएफओ ईशा तिवारी के नेतृत्व में छह टीमों ने गांव के चारों ओर काम्बिंग की। देर शाम ग्रामीणों की मांग पर डीएफओ ने पिंजरे को लगवाकर जाल बंधवाया गया। मगर सफलता न मिलने पर लखीमपुर दुधवा नैशनल टाइगर से बात कर विशेषज्ञों को भेजने को कहा गया। शनिवार देर शाम लखीमपुर दुधवा नैशनल टाइगर से सहायक परियोजना अधिकारी राधेश्याम भार्गव और पीलीभीत से प्रेम चन्द्र मौर्य गांव पहुंचे। यहां वह अटैकिंग प्वाइंट पर गए। इस दौरान डहलखेड़ा गांव के जंगल में पैरों के निशान देखने की जानकारी पर टीम वहां पहुंची। गेरुआ गांव की तरफ मूवमेंट मिलने पर ककोर बाबा के पास जंगलों में काम्बिंग की। इसके बाद नन्दौली गांव की तरफ जाने पर गांव के किनारे एक बाग में पग चिन्ह मिले। टीम ने बताया प्रयास जारी है। जल्द ही बाघ पकड़ा जाएगा। ग्रामीणों में बाघ को लेकर अभी भी हड़कम्प मचा हुआ है।
