बोले उन्नाव : कहने को शहर,सुविधाएं गांव से भी बदतर
Unnao News - सिंगरोसी वार्ड के निवासियों ने विकास की कमी के खिलाफ आवाज उठाई है। कुद्दू खेड़ा, जवाहर खेड़ा और शेखपुर में नालियों, सड़कों और बिजली की समस्याएं हैं। लोग कह रहे हैं कि यह क्षेत्र अब भी गांव जैसा है, जबकि...
सिंगरोसी वार्ड बना तो कुद्दू खेड़ा, जवाहर खेड़ा, शेखपुर इसके मुहल्ले बने। शेखपुर को छोड़ इन दो मोहल्लों में विकास की गाथा सिर्फ कागजों पर रची गई। टैक्स अदायगी के बावजूद यहां के लोग गांव जैसा जीवन जीते हैं। नालियां नहीं हैं। ड्रेनेज सिस्टम फेल है। यहां बिजली, सड़क, पानी की समस्याओं से लोग घिरे पड़े हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से लोगों ने अपनी पीड़ा साझा की। सभी ने एकसुर में विकास न होने को लेकर जिम्मेदारों को खूब खरी-खोटी सुनाई। निकाय के जिम्मेदारों को आड़े हाथ लिया। लोगों का कहना है कि यह कहने को तो शहर है, लेकिन सुविधाएं अब भी गांव से बदतर हैं। जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से सभी गलियों में जलजमाव बना रहता है। इससे सड़कों पर निकलना दुश्वार हो जाता है।
जब स्वकर प्रणाली के तहत दस फीसदी टैक्स बढ़ोत्तरी की बात का मुखर विरोध होने लगे। सड़कें खुद वार्ड की गवाही बयां करें। इंडियामार्का हैंडपंप सिर्फ शोपीस नजर आए तो समझिए वार्ड में विकास की पटकथा दुरुस्त नहीं है। हर जगह झोल है। हालात गांव से भी बदतर हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान निवासियों ने अपनी समस्याएं रखीं। इस दौरान नाली-गली की समस्या से हर कोई परेशान दिखा। खड़ंजे को हटाकर इंटरलॉक करने के अलावा नालियों की निकासी की समुचित व्यवस्था की भी मांग करते दिखे। खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट के मुद्दे पर कोटेदार के घर के निकट मौजूद लोगों ने तंज भी कसा। विकास न होने पर सभासद को आड़े हाथों लिया। नियमित सफाई के मुद्दे पर भी नाराजगी जताई। कुछ मुख्य गलियों को छोड़ बाकी जगह कर्मियों की उपस्थित पर हकीकत बताई। 14 में छह कर्मियों के अलावा बाकियों की हाजिरी पर भी सवाल उठाए।
कुद्दू खेड़ा गांव की एक आबादी तो अपने खड़ंजे को देख पूर्व सांसद मनोहर लाल को याद करती है। बताते हैं कि यहां दस वर्ष बाद भी माहौल गांव जैसा ही है। अमृत योजना के तहत शुद्ध जल भी यहां के बाशिंदों को नसीब नहीं हुआ। जवाहर खेड़ा और शेखपुर मॉडल विहार की एक बस्ती नई बसी है, यहां पर विकास की आवश्यकता बताते हुए एक पूर्व सभासद ने अपने सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि आवास विकास योजना में हमारे वार्ड का चयन तो कई वर्ष पहले हुआ। लॉलीपॉप दिया गया कि विकसित वार्ड की ओर सिंगरोसी अग्रसर होगा पर धीरे-धीरे सब फिस्स हो गया। इसके लिए वार्ड प्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन तक को जिम्मेदार मान रहे हैं। दुलारी देवी कहती हैं कि यह सिर्फ कहने को वार्ड है। यहां पर जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से प्राय: सभी गलियों में जलजमाव बना रहता है। नाले की नियमित सफाई नहीं होने से इस वार्ड की भी कई नालियां जाम हो गई हैं। पूर्व सभासद राकेश कुशवाहा कहते हैं कि सिंगरोसी हो या शेखपुर, जहां भी देखेंगे सभी जगह पिछले कार्यकाल में हुआ कार्य ही दिखाई पड़ेगा।
खुले में रखे ट्रांसफार्मर
सिंगरोसी में बिजली विभाग के तकरीबन 1700 उपभोक्ता हैं। इसमें 24 कामर्शियल हैं। इनकी सप्लाई का कुछ भाग गोकुल बाबा तो कुछ शहर खंड क्षेत्र से होता है। यहां मुख्य मार्ग पर ही 400 केवीए के दो बड़े ट्रांसफार्मर रखे हैं पर ताज्जुब देखिए कि सुरक्षा का इंतजाम नहीं है। न ही ग्रिल लगी है और न ही सड़क से इसे किनारे किया गया। कुछ दूरी पर ही यहां पशुओं को पालने का स्थान भी ग्रामीणों ने बनाया है। यही हॉल मॉडल विहार, शेखपुर व जवाहर खेड़ा के अलावा कई स्थानों का है। यह ट्रांसफार्मर वार्ड के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर रखे हैं। ग्रामीण अक्षय भारती, सपना और नंदू बताते हैं कि गर्मी के दिनों में लोड बढ़ने पर अक्सर इन स्थानों पर स्पार्किंग या तेल रिसाव से आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि, खुले ट्रांसफार्मर को लेकर कई बार क्षेत्रीय लाइन स्टॉफ से शिकायत हुई पर स्थितियां नहीं बदलीं।
सुझाव
1. सभी मोहल्लों में सड़कों का निर्माण करने के लिए विशेष कार्य कराने आवश्यकता है।
2. अमृत योजना के तहत पाइपलाइन डालने के लिए खोदी गई सड़कों की मरम्मत कराने की आवश्यकता है।
3. जलनिकासी के लिए नालियों को सीटी जेल ड्रेन में लाने के लिए प्लान बनाकर काम करें।
4. जो मुख्य मार्ग राज्यमार्ग से जुड़ते हैं, उनके निर्माण पर गंभीरता लेनी चाहिए।
5. व्यावसायिक भवनों के निर्माण पर रोक लगाते हुए उन्हें आबादी के बाहर रखना चाहिए।
6. बिजली संबंधी शिकायतों के हल के लिए शिविर लगाएं।
शिकायतें
1. वार्ड दो को जोड़ने वाले प्रमुख मार्ग पर ट्रांसफार्मर खुले में रखा है। इससे हादसे का डर है।
2. सफाई के लिए कुद्दूखेड़ा और जवाहर खेड़ा में कर्मचारी कभी-कभी दिखाई देते हैं।
3. 20-25 साल पहले बने खड़ंजे की नालियां टूटी हैं। इससे जलभराव होता है।
4. नवविकसित प्लॉटिंग करने वालों की मनमानी की वजह से ड्रेनेज पर प्रभाव पड़ रहा है।
5. वार्ड के 70 फीसदी इंडियामार्का सही नहीं है। अमृत-पीएनजी की पाइपलाइन भी नहीं डाली गई।
6. स्ट्रीट लाइट को बदलने पर कोई ठोस कदम जिम्मेदार नहीं उठाते हैं।
बोले लोग
सफाई होती नहीं है। सड़कों का हाल काफी खराब है। सिंगरोसी जाने वाली मुख्य रोड को दुरुस्त करने की मांग की जा रही है। - आसमा
जवाहर खेड़ा तक लाइट तो आ गई पर नाली की सफाई नहीं होती है। खड़ंजा भी पानी की पाइपलाइन के लिए उखाड़ दिया है।
- रजिया
पाइपलाइन डालने के नाम पर सारी सड़कें खोद दी हैं। बारिश में वो धंस रही हैं। जलभराव हो रहा है। अब तो और भी खराब हाल हैं। - समीमुन
सड़क पर कीचड़ है। हैंडपंप खराब है। नाली बजबजा रही है। सफाई वाले जवाहर खेड़ा की तरफ आते नहीं हैं। - सहमू निशा
अफसरों को इन वार्डों का जायजा लेने आना चाहिए ताकि हकीकत से रूबरू हो सकें। 365 दिन जलभराव आम बात। - कमर जहां
बोले जिम्मेदार
खेल मैदान औरबारातशाला बनेगी
इस वार्ड में काफी विकास कार्य कराए गए हैं। सीमा विस्तार के बाद यह वार्ड शहर में जुड़ा है, इसलिए इसका विशेष ध्यान रखते हैं। यहां विकास करने के लिए कई प्रस्ताव बनाए गए हैं। इसके लिए बजट मुहैया कराने के लिए पत्र शासन को लिखे हैं। यहां खेल मैदान और बारातशाला बनाने के लिए सहमति बन चुकी है। यहां की समस्या का निराकरण पहली प्राथमिकता है। - श्वेता भानू मिश्रा, चेयरमैन
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