उन्नाव में निलंबित शिक्षकों की बहाली भूल गए अफसर
Officers forgot to reinstate suspended teachers in Unnao
लापरवाही में निलंबित किए गए शिक्षकों की बहाली को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग गंभीर नहीं है। महीनों बाद भी जिले के निलंबित आधा दर्जन शिक्षकों की अब तक बहाली नहीं हो सकी है। इनके खिलाफ आरोप पत्र देकर जांच आख्या के आधार पर न तो कार्रवाई हुई और न ही बहाली। बहाली में हो रहे विलंब से स्कूलों की पठन पाठन व्यवस्था प्रभावित है। साथ ही शिक्षा विभाग की लचर कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
पूर्व बीएसए बीके शर्मा ने साल 2019 में स्कूलों के निरीक्षण में लापरवाह मिले दर्जनों शिक्षकों को निलंबित किया था। इसके अलावा प्रभारी बीएसए राकेश कुमार, सीडीओ व वर्तमान बीएसए प्रदीप पांडेय ने कई निलंबन किए। कुछ समय पहले कई शिक्षक बहाल हुए पर अभी कई की बहाली लटकी है, जबकि नियमानुसार तीन महीने के भीतर इनकी बहाली हो जानी चाहिए। इसके लिए यह जरूरी है कि निलंबित शिक्षक को 15 दिन के भीतर आरोप पत्र देकर उसका पक्ष लिया जाए। इसके बाद जांच आख्या के आधार पर उस पर अनुशासात्मक कारवाई हो या फिर उसकी बहाली की जाए। इसके बाद भी नियम कायदों को ताक पर रखकर तमाम शिक्षकों को कई महीनों बाद भी बहाल नहीं किया गया है।
इस मामले में बीएसए प्रदीप पांडेय का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आख्या मिल रही है, उसी आधार पर शिक्षकों को बहाल किया जा रहा है। अभी इन शिक्षकों की आख्या नहीं आई है, इसलिए बहाली या कार्रवाई नहीं की गई है। आख्या मांगी गई है जल्द आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी। किसी शिक्षकों को आसपास का स्कूल नहीं दिया जाएगा। जो जहां है वहीं रहेगा।