पांच अस्पतालों में नहीं मिले डाक्टर और स्टाफ, पंजीकरण निरस्त करने के निर्देश
उन्नाव,संवाददाता। शहर स्थित एक निजी अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद
उन्नाव,संवाददाता। शहर स्थित एक निजी अस्पताल में बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। उनके अनुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से जिले भर में मानक विहीन अस्पतालों धड़ल्ले से संचालित हैं। इसपर सीएमओ ने सोमवार शाम अस्पतालों का निरीक्षण किया। इसदौरान पाँच अस्पतालों में कई खामियां पाई गई हैं। इसपर सीएमओ ने संचालकों को तत्काल प्रभाव से संचालन बंद करने के निर्देश दिए हैं।
सीएमओ डॉ.सत्यप्रकाश और एसीएमओ डॉ.नरेंद्र सिंह सोमवार शाम पीडी नगर स्थित मेडिसिटी हॉस्पिटल पहुंचे। यहां उन्हें कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर मौके पर नहीं मिला। इसपर उन्होंने अस्पताल संचालक से बिना डाक्टर के अस्पताल का संचालन न करने के निर्देश दिए। इसके बाद सीएमओ सुषमा हॉस्पिटल पहुंचे। यहां संचालक उन्हें पंजीकरण संबंधी दस्तावेज नहीं दिखा सके। इसपर सीएमओ ने अस्पताल बंद करवाकर संचालक पर रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद दोनों अधिकारी न्यू लाइफ व ओम हॉस्पिटल पहुंचे। यहाँ डाक्टर और स्टाफ मौके से नदारद मिले। इसपर दोनों अस्पतालों को बंद करा दिया गया।यहाँ से निकालकर सीएमओ न्यू आराधना हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पांच मरीज आपरेशन के बाद भर्ती मिले। इसर सीएमओ ने संचालक से ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर की जानकारी ली और उससे फोन पर बात की। लेकिन डॉक्टर ने उन्हें किसी भी मरीज का आपरेशन न करने की जानकारी दी। इसपर सीएमओ का पारा चढ़ गया और उन्होंने संचालक पर रिपोर्ट दर्ज कराने और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि समय समय पर अभियान चालकर निजी अस्पतालों की जांच की जाएगी। मानक विहीन अस्पताल संचालित करने वाले संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई की जाएगी।
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