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जगतगुरु के मुख से रामकथा सुनने जुटी भीड़

मगरायर स्थित मां कालिका देवी मंदिर परिसर में तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने बुधवार को राम कथा का शुभारंभ करते हुए राम भद्राचार्य जी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली उन्नाव की धरती प्रणम्य...

जगतगुरु के मुख से रामकथा सुनने जुटी भीड़
हिन्दुस्तान टीम,उन्नावWed, 10 Oct 2018 10:32 PM
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मगरायर स्थित मां कालिका देवी मंदिर परिसर में तुलसी पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने बुधवार को राम कथा का शुभारंभ करते हुए राम भद्राचार्य जी ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद की जन्मस्थली उन्नाव की धरती प्रणम्य है। कहा कि 11 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने चंद्रशेखर आजाद पर संस्कृत में ग्रंथ लिखा था। उनके गांव का विकास ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने नरेंद्र मोदी से उनके जन्मस्थली पर आकर नमन करने की बात कही।

उन्होंने कहा कि वैदिक साहित्य में आक्रांताओं द्वारा सैकड़ों महत्वपूर्ण चीजें हटा दी गई और हजारों विक्षेप जोड़ दिए गए। आक्रांताओं ने तक्षशिला और नालंदा जैसे हिंदू दर्शन, हिंदी साहित्य के ग्रंथों को संरक्षण करने वाले संस्थानों को जला दिया गया। वेदों और पुराणों में अवांछित सिद्धांत डाल दिए गए बेईमानों ने जहर घोलने का काम किया है। वेद के एक लाख श्लोकों में मात्र 10000 श्लोक ही शेष बचे। आज आधुनिक साहित्य में राधा कृष्ण का विवाह नहीं बताया जाता जबकि राधा कृष्ण का विवाह हुआ था। वहीं सीता वनवास जैसे प्रक्षेप जोड़े गए। जब सीता का बनवास हुआ ही नहीं तुलसीदास ने इन्हीं सब बातों से द्रवित होकर रामचरितमानस रूपी कथा लोगों तक पहुंचाई।

रामकथा रूपी गंगा के प्रादुर्भाव के चलते ही आज लोगों में एक संबल है। राम कथा को मां कालिका के समान बताया। कहा, कालिका ने महिषासुर को जिस प्रकार पांच भागों में विभक्त किया और उसे नष्ट किया, उसी प्रकार रामचरितमानस में 5 लोगों को महामोह हुआ और सभी का मोह राम कथा द्वारा नष्ट हुआ। उन्होंने कहा कि राम ही इस जगत के नियंता हैं। सब कर परम प्रकाशक जोई, राम अनादि अवध पति सोई। जगत प्रकाश्य प्रकाशक रामू, माया धीश ज्ञान गुण धामू। इस मौके पर रविशंकर पांडेय व उनकी पत्नी ने पादुका पूजन किया। कथा संयोजक जितेंद्र पांडेय, दीपक पांडेय, मुन्ना सिंह अवधूत, गंगा प्रसाद यादव, राजाराम पाल ने भी रामभद्राचार्य का सम्मान किया। कथा में भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजय शुक्ला, अरुण दीक्षित, अजय बाजपेई, विनोद लोधी, मनोज शुक्ला, रिंकू शुक्ला, गिरीश सिंह, पिंकू सिंह मौजूद रहे।

तप और सहिष्णुता का सागर है रामचरितमानस

पूरा का पूरा रामचरितमानस तप व सहिष्णुता का सागर है। जिसके सारे पात्र तपस्वी व सहिष्णु हैं। नैतिकता तप व सौंदर्य रामकथा की पृष्ठभूमि है। यह बात विधानसभा अध्यक्ष हृदय नरायण दीक्षित ने ग्राम मगरायर स्थित कालिका देवी मंदिर प्रांगण में आयोजित रामभद्राचार्य की आयोजित रामकथा के शुभारंभ के अवसर पर कही।

विधि मंत्री ने भी लिया जगतगुरु का आशीर्वाद

मगरायर में रामचरितमानस सुनने के लिए कार्यक्रम में विधि मंत्री बृजेश पाठक भी आए। जगतगुरु की कथा सुनकर मंत्री पाठक ने पैर छूकर रामभद्राचार्य जी का आशीर्वाद लिया।

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