आरोग्य मेले में 1832 मरीजों को मिला उपचार
Unnao News - उन्नाव में मौसम परिवर्तन के कारण स्वास्थ्य मेले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। रविवार को आयोजित मेले में 1832 मरीज आए, जिनमें से कई को गंभीर स्थितियों में अस्पताल भेजा गया।...

उन्नाव,संवाददाता। मौसम में आ रहा लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है। जरा सी लापरवाही लोगों को बीमार बना रही है। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। रविवार को आयोजित आरोग्य मेले में भी मौसमी बीमारियों से जुड़े मरीजों की भीड़ रही। डॉक्टरों ने मरीजों की जांच कर उन्हें उपचार दिया। हालांकि आरोग्य मेले में फैली अव्यवस्थाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सभी मरीजों को उपचार मिल सके इसके लिए शासन ने डॉक्टरों को तय समय से अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए हैं। इसके बावजूद कई जगहों पर डॉक्टर तय समय के बाद अस्पताल पहुंचे। वहीं कुछ जगहों पर सभी मरीजों को बिना उपचार दिए ही डॉक्टरों ने ओपीडी छोड़ दी। इसदौरान मरीज उपचार के लिए यहां वहां भटकते रहे। कुछ जगहों पर तो मरीज निराश होकर वापस भी लौट गए।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से हर रविवार जिले के सभी 42 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जाता है। रविवार को आयोजित मेले में 1832 मरीज पहुंचे। इन्हें डॉक्टरों ने जांच के बाद उपचार दिया। डॉक्टरों के अनुसार सर्दी के मौसम में जरा सी लापरवाही लोगों को बीमार कर रही है। ऐसे में मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। रविवार को आयोजित मेले में श्वांस के रोग, बुखार, जुकाम, पेटदर्द जैसे रोगों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। आलम यह रहा कि लंबे समय से बुखार, जुकाम जैसे कोविड के लक्षणों से पीड़ित 268 मरीजों की जांच कोविड़ हेल्प डेस्क पर की गई। हालांकि जांच के बाद डॉक्टरों ने वायरल की पुष्टि की। जिसके बाद मरीजों ने राहत की सांस ली। मेले में बीते दिनों की अपेक्षा स्वांस के रोगियों की संख्या में भी इजाफा दर्ज किया गया। मेले में स्वांस संबंधी बीमारियों के 65 मरीज पहुंचे। इनमें से कुछ मरीजों की हालत गंभीर देखकर डॉक्टरों ने अस्पताल रेफर कर दिया। वहीं चर्म रोग के 180, पेट संबंधी बीमारियों के 132, बुखार के 83, एनीमिया के 12, टीबी के सात और ब्लड प्रेशर के 35 मरीजों समेत 1832 मरीज पहुंचे। जिन्हें डॉक्टरों ने जांच के बाद उपचार दिया। वहीं गंभीर रूप से बुखार से पीड़ित और संभावित मलेरिया के लक्षण होने पर 14 मरीजों की जांच की गई। हालांकि सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि मौसम में आ रहे बदलाव के चलते आरोग्य मेले में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में मरीजों को दवा के साथ मौसम के अनुकूल रहन सहन करने की सलाह दी जा रही है।
चार बच्चों में मिले कुपोषण के लक्षण
मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में रविवार को चार बच्चों में कुपोषण के लक्षण मिले। जिन्हे डॉक्टरों ने जांच के बाद पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती करने की सलाह दी है। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित श्रीवास्तव ने बताया कि कुपोषण एक गंभीर स्थिति है। जब शरीर को विटामिन, प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट व वसा जैसे पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिलते हैं तब शरीर कुपोषित हो जाता है। कुपोषण के लक्षणों में बार-बार संक्रमण होना, भूख की कमी, शरीर का कम वजन, वसा व मांसपेशियों का नुकसान, विकास का अवरुद्ध होना, कम हृदय गति, शुष्क त्वचा, हमेशा ठंड महसूस होना, कमजोरी, थकावट, पेट में सूजन के साथ पतले हाथ-पैर, चिड़चिड़ापन शामिल हैं। बच्चों में कुपोषण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
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