फर्जी साइन की मदद से यूको बैंक का कैशियर ने की लाखों की हेराफेरी, गोरखपुर पुलिस ने दबोचा
गोरखपुर में यूको बैंक के कैशियर द्वारा धोखाधड़ी कर पैसा निकालने के मामले में दर्ज मुकदमे के आरोपी कलीम को बेलघाट पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी कैशियर के ऊपर पहले भी मुकदमे दर्ज हैं।
यूपी के गोरखपुर में यूको बैंक के कैशियर द्वारा धोखाधड़ी कर पैसा निकालने के मामले में दर्ज मुकदमे के आरोपी कलीम को बेलघाट पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।बेलघाट के एस आई शिवप्रकाश सिंह, कांस्टेबल अमित खरवार,अजय कुमार आरोपी कैशियर को ग्राम खुचियारी थाना सिकरीगंज से गिरफ्तार किया।
बता दें कि यूको बैंक शाहपुर बेलघाट में ग्राहक अफसाना ने एसएसपी गोरखपुर को शिकायत पत्र दिया कि बिना मेरी जानकारी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर 1अक्टूबर को 50 हजार, 16 नवंबर को 50 हजार, 27 नवंबर को 50 हजार, 29 नवंबर 24 को 50 हजार, निकासी की गई और 1 लाख रुपए खाते में जमा करने के लिए रसीद के साथ कलीम को दिया गया। लेकिन पैसा खाते में जमा नहीं किया गया। उसके पैसों की हेराफेरी हेड कैशियर मो कलीम, बैंक कर्मचारी प्रेमचंद साहनी, शमीम, के द्वारा की गई है।
एक अन्य शिकायत पत्र पीड़ित अलीमुद्दीन, रहिमुन, द्वारा थाने में दिया गया। जिसपर उक्त आरोपियों के खिलाफ बेलघाट थाने में बीएनएस 2023 की धारा 316(5), 351(3), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2), के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है।
आरोपी कैशियर के ऊपर पहले भी दर्ज हैं मुकदमे
2013 में हीरक मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर विकास श्रीवास्तव, मो कलीम, शमीम, के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हैं। जिनके खिलाफ 2022 में बेलघाट थाने में 419, 420, 467, 468, 223, एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत है। जो न्यायालय में लंबित है। लेकिन इन सबके बावजूद आरोपित के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो रही है। वर्ष 2013 में हीरक योजना के तहत नदी की जमीन दिखाकर एक करोड़ की हेराफेरी फर्जी ऋण वितरण बैंक मैनेजर और बैंक स्टाफ द्वारा की गई । यह मामला बहुत चर्चित हुआ था।