गेहूं खरीद का समय समाप्त
7.7 फीसदी हो पाई इस साल जनपद में गेहूं की खरीद जनपद में

7.7 फीसदी हो पाई इस साल जनपद में गेहूं की खरीद
जनपद में निर्धारित था 57 हजार एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य
किसानों का गेहूं खरीदने के लिए खोला गया था 71 क्रय केन्द्र
गांव-गांव किसानो से सम्पर्क करने के बाद भी नहीं मिला गेहूं
सुलतानपुर। जिले में खुले सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं खरीदने का समय समाप्त हो गया। इस साल गेहूं की आवक कम होने से सरकारी क्रय केन्द्रों पर लक्ष्य का 7.7प्रतिशत गेहूूं खरीदहो पाई है। सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं की आवक कम होने से बाजार में गेहूं के दाम में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। क्रय केन्द्र प्रभारी गांव-गांव जाकर किसानों से गेहूं बेचने के लिए सर्म्पक किया उसके बाद भी लक्ष्य काफी कम रहा।
जनपद में किसानों का गेहूं खरीदने के लिए 71क्रय केन्द्र खोले गए थे। सरकारी क्रय केन्द्र पर गेहूं का समर्थन मूल्य 2015 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित है। जनपद में गेहूं खरीद का लक्ष्य 57 हजार एमटी निर्धारित किया था। गेहूं खरीदने के लिए सबसे अधिक पीसीएफ के 50 क्रय केन्द्र संचालित है। खाद्य विभाग की ओर से 19 क्रय केन्द्र खोला गया था। सरकारी क्रय केन्द्रो पर गेहूं की आवक कम होने से क्रय केन्द्र प्रभारियों को मोबाइल क्रय करने का फरमान जारी किया गया लेकिन उसके बाद भी प्रगति पहले जैसी रही। शासन की ओर से खरीद की तिथि 30 जून तक बढ़ा दी गई थी लेकिन जनपद में कुल 1343किसानों से लक्ष्य का 7.7प्रतिशत खरीद हो पाई। बाजार में गेहूं का मूल्य 2000से 2100 रुपए प्रति कुन्तल होने से किसान अपना गेहूं घर पर ही व्यापारियों को बेच डाला।
4478 एमटी गेहूं की हो पाई खरीद: जिले कीं बाजार में गेहूं का मूल्य अधिक होने से सरकारी क्रय केन्द्रों पर कम किसानों ने गेहूं बेचा। विभिन्न क्रय एजेन्सियो के माध्यम से 71 क्रय केन्द्र खोला गया है। खरीद के लिए निर्धारित समय 30 जून को समाप्त हो गया लेकिन 1343 किसानों से 4478 एमटी खरीद हो पाई। पीसीएफ के क्रय केन्द्र पर गेहूं बेचने वाले किसानों का शतप्रतिशत भुगतान भी नहीं हो पाया है।
इनसेट
व्यापारियों की ओर से प्रदेश से बाहर भेजा जा चुका है 24 रैक से अधिक गेहूं
सुलतानपुर। जिले में सरकारी क्रय केन्द्रों पर भले ही गेहूं नहीं आया लेकिन प्राइवेट व्यापारियों की ओर से किसानों का गेहूं खरीदकर बाहर भेज दिया गया। विभागीय अधिकारियों की माने तो 24 रैक से अधिक गेहूं बाहर भेज दिया गया। जिससे जनपद में किसानों के पास उपयोग भर का गेहूं बचा है। सरकारी खरीद कम होने से इस साल एफसीआई को कार्डधारकों में वितरण होने वाला गेहूं बाहर से मंगाना होगा। बाजार में भी गेहूं का दाम घट-बढ़ रहा है।