Ḥतीन करोड़ से स्थापित विद्युत उपकेन्द्र बंद,बढ़ी मुश्किलें
अस्पताल में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के उद्देश्य से स्थापित किया गया
अस्पताल में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के उद्देश्य से स्थापित किया गया है उपकेन्द्र
स्थापना काल के बाद से महज एक साल तक ही चल पाया उपकेन्द्र
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सुलतानपुर। संवाददाता
जिला अस्पताल में तीन करोड़ रुपए की धनराशि से स्थापित विद्युत उपकेन्द्र काफी लम्बे समय से बंद पड़ा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन करोड़ रुपए विद्युत विभाग को बिल भी जमा किया है। इसके बाद भी कभी बिल बकाया तो कभी तकनीकी खराबी के कारण लगातार उपकेन्द्र बंद पड़ा हुआ है। जबकि उपकेन्द्र स्थापना के समय ही मुख्य केबिल में भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन सीएमएस ने बड़ी गड़बड़ी आने की आशंका जताई थी। अब उपकेन्द्र बंद होने से मरीजों व तीमारदारों दोनों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
वर्ष 2013 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने जिला पुरुष व महिला अस्पताल में 24 घंटे बिजली सप्लाई को लेकर विद्युत उपकेन्द्र स्थापना की योजना बनाई थी। योजना को उसी वित्तीय वर्ष में स्वीकृति मिल गई। स्वीकृत परियोजना को पूरा करने के लिए 3.35 करोड़ रुपए की धनराशि निर्धारित की गई। परियोजना को पूरा करने के लिए छह माह का समय निर्धारित किया गया। जिस पर वर्ष 2014 में विद्युत विभाग ने कार्य शुरू कराया। कार्य शुरू होने के दौरान पुराना ट्रांसफार्मर व कापर के बजाए एल्युमिनियम की मुख्य के बिल लगा दी गई। उपकेन्द्र स्थापना में भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन सीएम डा.आरपी सिंह ने उच्चाधिकारियों व शासन से शिकायत किया था। इसके बाद भी जिम्मेदारों ने गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं किया। इसके बाद अफसरों ने उपकेन्द्र शुरू करा दिया।
हर साल खराब होती रही केबिल:
अस्पताल के उपकेन्द्र स्थापना के दौरान कापर के बजाए एल्युमिनियम केबिल लगने से हर साल उपकेन्द्र तकनीकी खराबी होने के कारण बंद होता रहा है। ऐसे में पांच साल पहले स्थापित हुआ उपकेन्द्र महज एक साल ही सही ढंग से चल पाया।
आक्सीजन प्लांट स्थापना के दौरान दो दिन चला था उपकेन्द्र:
जिला अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के दौरान दो दिन विद्युत उपकेन्द्र चला था। उसके बाद से फिर तकनीकी खराबी के कारण बंद हो गया। उसके बाद से चला ही नहीं है।
कोट
विद्युत उपकेन्द्र स्थापना काल से दर्जनों बार बंद हुआ। ऑक्सीन प्लांट स्थापना के समय दो दिन उपकेन्द्र चला था। अब फिर बंद पड़ा हुआ है। इसकी रिपोर्ट उच्चधिकारियों व शासन को भेजी जा चुकी है।
डा.एससी कौशल
सीएमएस जिला अस्पताल