खूब तरक्की बेटों ने की, बूढी मां कहकर रोती है
Sultanpur News - गुरुकुल आश्रम के स्थापना दिवस पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलनखूब तरक्की बेटों ने की, बूढी मां कहकर रोती हैखूब तरक्की बेटों ने की, बूढी मां कहकर रोती हैखूब त
गुरुकुल आश्रम के स्थापना दिवस पर आयोजित हुआ कवि सम्मेलन बल्दीराय, संवाददाता
वेद वेदांग विद्यापीठ गुरुकुल आश्रम धनपतगंज का स्थापना दिवस मनाया गया। आश्रम में एक नवंबर से ही ब्रह्मचारी बच्चों द्वारा यज्ञशाला में लगातार वेद मंत्रों से आहुतियां डालीं गईं। आश्रम के प्रांगण में स्थापना दिवस पर पांच दिवसीय कार्यक्रमों की धूम रही। प्रांगण में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया।
अध्यक्षता राम अकबाल द्धिवेदी तथा संचालन कवि हरि बहादुर सिंह हर्ष ने किया। द्विवेदी ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके किया। अयोध्या से आए साहित्यकार कवि कर्मराज शर्मा तुकांत ने मां की वंदना माई आवा मोरी रचना पे रस भरी जा, सुनाकर कार्यक्रम की शुरुआत किया। वहीं प्रतापगढ से आए कवि हरि बहादुर हर्ष ने देश पर अपनी चार लाइन प्रस्तुत करके उपस्थित श्रोताओं में जोश भर दिया। उन्होंने पढ़ा घर घर से अफजल निकलेंगे तो हम क्या चुप धारेंगे। हम राणा के वंशज हैं, घर में घुस कर मारेंगे। कार्यक्रम में आये युवा कवि पीयूष प्रखर ने अपनी पंक्तिया कुछ इस प्रकार पढ़ी- नफरत का दौर है न सियासत का दौर है। गर सच कहूं तो बात यहां कोई और है। दुनिया के सारे लोग नजरिया सही करें,ये हिन्द अब भी दुनिया का सिरमौर है। पुष्कर सुलतानपुरी ने अपनी पंक्तियां इस प्रकार पढीं- ऐसा कुछ इंतजाम हो जाए। उम्र बस उसके नाम हो जाए। इक नजर फेर ले जो हम पर तो। हम गरीबों का काम हो जाए।
इस अवसर पर कवि कुलदीप पाडे मंयक, युवा कवियत्री मानसी पांडेय, दुर्गेश दुर्लभ आदि कवियों ने अपनी-अपनी रचनाएं पढ़ी। कार्यक्रम में क्षेत्र के मनोराम जायसवाल, रामेश्वर प्रसाद मिश्र, संतोष सिंह, अमित आर्य, डा पारगंत आर्य, अनमोल शुक्ल, अनुपम पांडेय, अनुश्रृत पांडेय, रहे। संस्थापक शिवदत्त पांडे ने समस्त कवियों एवं उपस्थित श्रोतागणों के प्रति आभार प्रकट किया।
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