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सर्द रातों में भी खेतों में रतजगा करने को मजबूर किसान

Sultanpur News - रबी की फसलों को चट कर रहे छुट्टा मवेशीसर्द रातों में भी खेतों में रतजगा करने को मजबूर किसानसर्द रातों में भी खेतों में रतजगा करने को मजबूर किसानसर्द र

Newswrap हिन्दुस्तान, सुल्तानपुरSat, 28 Dec 2024 11:37 PM
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रबी की फसलों को चट कर रहे छुट्टा मवेशी अवेशियों को संरक्षित करने की योजना का नहीं दिख रहा असर

बल्दीराय, संवाददाता

तहसील क्षेत्र में छुट्टा मवेशियों को संरक्षित करने के साथ सड़क व खेतों में इनके न दिखाई पड़ने को लेकर सरकार की ओर से गौशाला बनवाए गए हैं। बावजूद इसके किसानों को छुट्टा पशुओं के आतंक से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि किसान सर्द भरी रात में खेतों में रतजगा कर फसल की रखवाली करने को मजबूर हैं।

सरकार की ओर से छुट्टा मवेशियों को संरक्षित करने के लिए बलदीराय क्षेत्र में कई गौशालाएं संचालित हैं। जिसमें हजारों की संख्या में मवेशियों को रखने का दावा जिम्मेदारों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही इन मवेशियों के पालन पोषण के लिए हजारों रुपए प्रतिमाह खर्च किए जा रहे हैं। बावजूद इसके किसानों की समस्या जस की तस बनी हुई है। तहसील क्षेत्र के पीरौसरैया, ऐंजर, पारा, वलीपुर, बहुरांवा, देवरा, नंदरई, सुखबडेरी ,सिंघनी, डोभियारा, भवानीगढ़, हलियापुर, हसुईमुकुंदपुर , डीह, रैचा आदि क्षेत्र में सड़कों एवं खेतों में छुट्टा मवेशियों की भरमार है। यह छुट्टा मवेशी दिन रात किसानों की हरी भरी फसल नष्ट कर रहे हैं। जिससे ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों में किसानों को फसलों की रखवाली करने के लिए भीषण ठंड में खुले आसमान के नीचे रतजगा करना पड़ रहा है। भीषण सर्दी के बीच कई किसान फसलों की रखवाली करने के लिए खेतों में लकड़ी का मचान बनाकर रहते हैं। वहीं कई लोग खुले आसमान के नीचे छुट्टा मवेशियों से फसल बचाने की जुगत करते रहते हैं। दर्जनों गांवों में छुट्टा पशुओं के आतंक से किसान सहित क्षेत्रीय लोग त्रस्त हैं। दुर्गेश सिंह, बिपिन सिंह, अजय दूबे, रबींद्र पांडे, घनश्याम दूबे, कुलदीप यादव, रंजीत सिंह, द्वारिका प्रसाद यादव, धर्मेंद्र सिंह, सतीश यादव, जय प्रकाश सिंह,आदि किसानों का कहना है कि दिन हो या रात इन छुट्टा मवेशियों से फसल को बचाने के लिए खेत में ही 24 घंटे बिताना पड़ता है। भीषण ठंड में भी किसान खेतों में रात गुजारने को मजबूर हैं। बावजूद इसके मौका पाकर छुट्टा मवेशियों का झुंड फसलों को नुकसान पहुंचा ही देते हैं। किसानों की मेहनत पर सिस्टम की लापरवाही भारी पड़ रही है।

इनसेट

झटका मशीन लगाने से भी नहीं बचती फसल

बल्दीराय। किसानों का कहना है कि फसलों को बचाने के लिए कंटीले तारों के अलावा लकड़ी, झाड़ी और बांस तथा झटका मशीन आदि लगाकर फसल को चारों ओर से घेर दिया जाता है, बावजूद मौका पाकर मवेशी उसे चट कर जाते हैं। कहा कि पूस के महीने के बर्फीली रातों में खेतों में रहकर फसल रखवाली कर पाना मुश्किल भरा है। अगर रखवाली नहीं करेंगे तो पशुओं का झुंड फसल चौपट कर जाएगा और मेहनत के साथ लागत भी बेकार हो जाएगी। किसानों का कहना है कि जिम्मेदार लोगों को चाहिए कि अभियान चलाकर छुट्टा मवेशियों को पकड़वाकर गोशाला पहुंचाएं और पशुओं को छोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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