सुलतानपुर डकैती : मुठभेड़ स्थल पर न गवाह मिले न बुलेट के खोखे, एसटीएफ की कहानी उलझी, विपक्ष हमलावार
यूपी के सुलतानपुर में डकैती के बाद आरोपी मंगेश एनकाउंटर में एसटीएफ कहानी काफी उलझ गई है, विपक्ष हमलावर है। मुठभेड़ स्थल से बदमाशों और पुलिस की ओर से किए गए फायर बुलेट के पूरे खोखे बरामद नहीं हो सके।
सुलतानपुर के सर्राफा डकैतीकांड में प्रकाश में आए जौनपुर के मंगेश यादव एनकाउंटर में एसटीएफ कहानी काफी उलझ गई है, विपक्ष हमलावर है। मुठभेड़ स्थल से बदमाशों और पुलिस की ओर से किए गए फायर बुलेट के पूरे खोखे बरामद नहीं हो सके। पुलिस की मानें मो झांड़-झंखाड़, ऊंची-नीची गीली जमीन और पानी होने के कारण बदमाश-पुलिस के फायर किए गए सभी खोखे नहीं मिल सके। वहीं एनकाउंटर के बाद पुलिस को स्थानीय गवाह तक नहीं मिला है। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों में गवाही के लिए कहने पर कोई भी व्यक्ति तैयार नहीं हुआ। सभी भलाई-बुराई का हवाला देकर हट गए।
28 अगस्त को चौक ठठेरी बाजार मेजरगंज में भरत सोनी के प्रतिष्ठान में डाका डालकर लूटेरे ने करीब डेढ़ करोड रुपए के जेवर और नगदी पार की थी। डकैती में प्रकाश में आए जौनपुर के बदमाश मंगेश यादव को पांच सितम्बर को पुलिस ने मिश्रपुर पुरैना हनुमानगंज बाईपास के पास मुठभेड़ में ढेर करने का दावा किया। पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ लखनऊ मुख्यालय धर्मेश कुमार शाही की कोतवाली देहात थाना में दाखिल हुई फर्द के अनुसार एनकाउंटर में कुल छह राउंड फायर हुए । इसमें इंस्पेक्टर महावीर ने दो, राघवेन्द्र ने दो, आरक्षी बृजेश सिंह ने एक,आरक्षी अमर श्रीवास्तव ने एक राउंड फायर किया था। वहीं बदमाशों की तरफ से कितने फायर किए गए हैं, इसका ब्योरा उपलब्ध नहीं है। उधर मंगेश के साथ दूसरा लुटेरा कौन था,जो पुलिस पर फायर करते हुए फरार हो गया। उसे भी पुलिस अब तक नहीं खोज सकी है। वह मुठभेड़ कांड का चश्मदीद हो सकता है।
एसटीएफ को सूचना मिली थी एक लाख का इनामी मंगेश देर रात अपने गिरोह के साथियों के साथ हनुमानगंज में किसी व्यक्ति से मिलने वाला है और उसके माध्यम से लूटे गए जेवरात बेचने वाला है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि मंगेश किससे मिलने वाला था, इसका भी अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। दूसरी ओर एसटीएफ की ओर से एनकाउंटर में तीन टीमें बनाकर कार्रवाई का दावा किया गया है, मगर एनकाउंटर के बाद जारी फोटो में टीम का कोई सदस्य बुलेट प्रूफ जैकेट पहने नजर नहीं आ रहा हैं। वहीं घटना स्थल के एक फोटोग्राफ में सीओ एसटीएफ धर्मेश कुमार शाही खुद पैर में स्लीपर पहने नजर आ रहे हैं। विरोधी दल इसे हवा दे रहे हैं। मौके पर सात मिनट का वीडियो और 25 फोटोग्राफ बनाने की बात कही गई है। वीडियो क्या है, अभी तक पता नहीं चल सका है। एनकाउंटर का 3.15 बजे से 3.30 बजे के बीच हुआ तो इस बीच सात मिनट का वीडियो महत्वपूर्ण हो सकता है। मंगेश एनकाउंटर की जांच कर रहे कोतवाली देहात थाना प्रभारी इस्पेक्टर सत्येन्द्र सिंह को सौंपी गई है। अभी जांच भी आगे नहीं बढ़ सकी है।
मजिस्ट्रेटी जांच के लिए सार्वजनिक सूचना जारी
मंगेश एनकाउंटर की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए है। जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने अधिकारी उप जिलाधिकारी लंभुआ विदुषी सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। एसडीएम विदुषी सिंह ने मंगलवार को शाम सार्वजनिक सूचना जारी करते हुए कहा,एनकाउंटर के बारे में जो भी व्यक्ति, अधिकारी, कर्मचारी कोई साक्ष्य देना चाहे या अपना परीक्षण कराना चाहे तो वह 20 सिम्बर तक दे सकते हैं। ऐसे लोग किसी भी कार्य दिवस में प्रात: दस बजे से अपराह्न तीन बजे तक मेरे कार्यालय न्यायालय में उपस्थित होकर अपना कथन, साक्ष्य अभिलेख प्रस्तुत कर सकते हैं।
मंगेश यादव एनकांउटर के खिलाफ प्रदर्शन
यदुवंशी महासभा ने मंगलवार को मंगेश यादव एनकांउटर के खिलाफ प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट में प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। इसमें मंगेश यादव निवासी जौनपुर के एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई।
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