
बीटेक की पढ़ाई की, पटना में एक एनजीओ से जुड़ा, फिर फर्जी आईएएस बन गया सौरभ
संक्षेप: यूपी के लखनऊ में गिरफ्तार के फर्जी आईएएस के बारे में पुलिस ने बताया कि सौरभ ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की है। उसके बाद वह पटना में एक एनजीओ से जुड़ा। सरकारी विभागों में उसका आना जाना हुआ। वहीं से उसने फर्जी आईएएस बनने की योजना बना ली।
यूपी में लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार फर्जी आईएएस (केंद्रीय सचिव) सौरभ त्रिपाठी गाड़ियों से लेकर अपनी शान और शौकत में करीब 10 लाख रुपया महीना खर्च करता था। इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी ने बताया कि सौरभ ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई की है। उसके बाद वह पटना में एक एनजीओ से जुड़ा। सरकारी विभागों में उसका आना जाना हुआ। वहीं से उसने फर्जी आईएएस बनने की योजना बना ली। उसके बाद अपना सोशल मीडिया अकाउंट भी आईएएएस के नाम से बनाया। पूछताछ में पता चला कि सौरभ की पत्नी भी किसी कंपनी में इंजीनियर है। उसका वेतन करीब एक लाख रुपये है

मऊ, नोएडा और कई अन्य जिलों में भी उसने मकान और तमाम अन्य संपत्तियां बनाई। प्राथमिक जांच में पता चला है कि जालसाज सौरभ त्रिपाठी यह सारी कमाई वह सरकारी विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग और ठेके पट्टे दिलाने के नाम पर दलाली से करता था। उसकी सफेदपोशों और ब्यूरोकेसी में भी अच्छी पकड़ थी। पुलिस काल डिटेल्स के आधार पर उनका भी ब्योरा जुटा रही है कि किन-किन लोगों के संपर्क में था। वजीरगंज पुलिस सौरभ त्रिपाठी कि नोएडा, मऊ और अन्य जनपदों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है। नोएडा सेक्टर 35 गरिमा विहार, बिहार और मऊ के लखन्सी सराय इमलिया जहां का वह मूल रूप से रहने वाला है। वहां भी उसकी संपत्तियां हैं। उनके बारे में जानकारी की जा रही है। इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजकर आगे की कार्रवाई करेगी। सौरभ ने एक युवक को अपने पीएस के रूप में रखा था। उसे वेतन देता था। उससे भी वह खुद को आईएएस ही बताता था। उसका पता लगाया जा रहा है।
कैसे पहुंचा नगर विकास विभाग की बैठक और अन्य राज्यों में मिला प्रोटोकाल?
पुलिस उपायुक्त अपराध कमलेश कुमार दीक्षित ने बताया कि आरोपी की वायरल फोटो के आधार पर भी जांच की जा रही है। वह कैसे नगर विकास विभाग की बैठक के पहुंचा? बैठक की फोटो कब की है? इसके साथ ही वह गैर प्रदेशों में चीफ गेस्ट कैसे बना? वहां उसे प्रोटोकाल कैसे जारी हुआ? इन सब बिंदुओं पर भी जांच की जा रही है। वायरल फोटो के अनुसार उत्तराखंड के कार्यक्रम वाली फोटो 19 जून 2024 और पटना वाली भी उसी समय की है। वहां से पुलिस से बात करके ब्योरा मांगा गया है।
इनोवा, फार्च्यूनर सौरभ के नाम बाकी किसकी?, कुर्की की होगी कार्रवाई
पुलिस उपायुक्त पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि सौरभ के पास से बरामद छह गाड़ियों में इनोवा और फार्च्यूनर सौरभ के नाम हैं। डेफेंडर, मर्सडीज व दो अन्य गाड़ियां किसके नाम से हैं इनका ब्योरा पुलिस जुटा रही है। उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके साथ ही अपराध से बनाई गई संपत्ति कुर्क करने की भी कार्रवाई होगी।





