
गोरखपुर में वार्डन के विरोध में सड़क पर उतरीं छात्राएं, 5 किमी दौड़कर पहुंचीं थाने
संक्षेप: गोरखपुर के खजनी इलाके के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फिर से पुरानी वार्डन के आते ही छात्राएं विरोध में उतर गईं। पांच किलोमीटर दूर तक छात्राएं दौड़ते हुए खजनी थाने पहुंच गईं और फिर पुलिस से हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की।
यूपी के गोरखपुर के खजनी इलाके के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में फिर से पुरानी वार्डन अर्चना पांडेय के आते ही छात्राएं विरोध में उतर गईं। पांच किलोमीटर दूर तक छात्राएं दौड़ते हुए खजनी थाने पहुंच गईं और फिर पुलिस से हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने छात्राओं को समझाकर वापस भेजा। हालांकि, कोर्ट के आदेश पर ज्वाइन करने पहुंची वार्डन अर्चना पदभार नहीं ले पाई।

तीन अगस्त 2024 को तत्कालीन वार्डन अर्चना पांडेय पर मारपीट का आरोप लगा था। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तब वायरल हुआ था। बाद में डीएम के आदेश पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी वरिष्ठ लेखाधिकारी बीएसए कार्यालय, डीसी कस्तूरबा विद्यालय और बीईओ खजनी की जांच रिपोर्ट के आधार पर वार्डन अर्चना पांडेय को निलंबित कर दिया गया था। वार्डन अर्चना पांडेय ने निलंबन आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, वायरल वीडियो को निलंबन का पर्याप्त आधार न मानते हुए हाईकोर्ट ने वार्डन को पुनः उसी विद्यालय में नियुक्त करने का आदेश दिया है।
इस मामले में बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि छात्राओं का विद्यालय से निकल कर पांच किमी सड़क पर दौड़ते हुए खजनी थाने तक जाना गंभीर मामला है, घटना की जांच के बाद दोषी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
प्रधानाध्यापक ने अपने स्थान पर ड्राइवर को पढ़ाने स्कूल भेजा
उधर, हमीरपुर जिले में एक सरकारी स्कूल में अपनी जगह अपने वाहन चालक से शिक्षण कार्य कराने के आरोप में एक प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि पिछले शुक्रवार को एक अभिभावक ने सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी सुशील कुमार कमल से शिकायत की थी कि प्रधानाध्यापक वीरू सिंह और शिक्षिका माधुरी स्कूल नहीं आये हैं। उनके स्थान पर प्रधानाध्यापक का वाहन चालक राम सहाय और एक निजी शिक्षक शिक्षण का कार्य कर रहे हैं।
कमल ने मामले की पड़ताल की तो पता लगा कि शिक्षिका माधुरी अवकाश पर थी जबकि प्रधानाध्यापक वीरू सिंह बिना किसी पूर्व अनुमति के स्कूल से अनुपस्थित थे। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जांच के बाद प्रधानाध्यापक वीरू सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित करके उन्हें उच्चतर प्राथमिक विद्यालय टिकरी बुजुर्ग से संबद्ध कर दिया गया।





