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वाराणसी में लोकसभा चुनाव की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष में भी फंसा पेच, निर्वाचन आयोग पहुंचा मामला

वाराणसी में लोकसभा चुनाव की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी पेच फंस गया है। सपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र में कुछ बिंदु खाली रहने का मामला सामने आया है। नामांकन पत्र की प्रतिलिपि राज्य...

वाराणसी में लोकसभा चुनाव की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष में भी फंसा पेच, निर्वाचन आयोग पहुंचा मामला
संवाददाता,वाराणसीSat, 26 Jun 2021 08:48 PM
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वाराणसी में लोकसभा चुनाव की तरह जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी पेच फंस गया है। सपा प्रत्याशी के नामांकन पत्र में कुछ बिंदु खाली रहने का मामला सामने आया है। नामांकन पत्र की प्रतिलिपि राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेजी गयी है। जिला निर्वाचन अधिकारी व जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार रात 9.30 बजे आयोग का निर्णय आएगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा से पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मैदान में उतरे सपा प्रत्याशी पूर्व फौजी तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र में भी कुछ कमियों के बाद रार शुरू हो गया था। उनकी उम्मीदवारी रद कर दी गई थी। मामला चुनाव आयोग से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंच गया था। 

इससे पहले जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए  समाजवादी पार्टी से चंदा यादव और भारतीय जनता पार्टी से पूनम मौर्या ने नामांकन किया। इस दौरान रायफल क्लब में भारी कड़ी व्यवस्था के साथ ही दलों की ओर से समर्थकों का भारी हुजूम भी उमड़ा। नामांकन से पूर्व सपा और भाजपा के उम्मीदवार अपनी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए। नामांकन से पहले भीड़ के कारण मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम को लेकर घोर लापरवाही दिखी। प्रवेश द्वार से रायफल क्लब तक बैरिकेडिंग की गयी थी। निर्धारित समय दोपहर तीन बजे राइफल क्लब बंद कर दिया गया। बता दें कि  29 जून को नाम वापसी होगी। तीन जुलाई को मतदान दोपहर तीन बजे तक होगा। इसी दिन मतगणना के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा।

 जिला पंचायत के 40 सदस्य मतदान करेंगे। मतदान में वरीयता व्यवस्था लागू रहेगी। सपा और भाजपा नेताओं का दावा है कि उनकी ही पार्टी का प्रत्याशी अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। संख्या बल जुटाने की गणित में जुटी भाजपा और सपा को क्रॉस वोटिंग का खतरा मंडरा रहा है। क्रॉस वोटिंग की संभावना को समाप्त करने के लिए भाजपा और सपा के दिग्गज नेता रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

एमएलसी की दोनों सीटें हारने के बाद अब भाजपा  किसी भी कीमत पर जिला पंचायत का चुनाव जीतना चाहती है। बता दें कि पिछले कार्यकाल में सपा की ओर से अपराजिता सोनकर ने जीत हासिल की थी, मगर प्रदेश की सत्ता बदलते  ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। 


 

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