यूट्यूबर और बिस बॉस ओटीटी-2 के विजेता एल्विश यादव नए विवाद में फंस गए हैं। बनारस में काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिबंध तोड़ने का आरोप उन पर लगा है। एल्विश ने ऐसे इलाके में फोटोग्राफी की है जो रेड जोन में आता है। यहां पर मोबाइल या कैमरा लेकर जाना प्रतिबंधित है। ऐसे इलाके की उनकी फोटो वायरल हुई तो खलबली मच गई। वाराणसी के अधिवक्ताओं का एक दल एल्विश की शिकायत लेकर पुलिस अधिकारियों के यहां पहुंचा और संयुक्त पुलिस आयुक्त डॉ. के. एजिलरसन को इस बाबत लिखित शिकायत की। अधिवक्ताओं की शिकायत मिलते ही ज्वाइंट पुलिस आयुक्त ने डीसीपी सुरक्षा को जांच और कार्रवाई का निर्देश दिया है।
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अति सुरक्षित इलाके में एल्विश यादव को मोबाइल या कैमरा लेकर जाने की इजाजत किसी ने दी या सुरक्षा में चूक हुई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भी फोटोग्राफर को रेड जोन में जाने की इजाजत नहीं मिली थी। मंदिर ने अपनी तरफ से फोटोग्राफी करके तस्वीर उपलब्ध कराने की बात कही थी। इसे लेकर भी कांग्रेस ने विरोध जताया था और विवाद हुआ था।
एल्विश यादव मंगलवार को मनी लॉड्रिंग के मामले में ईडी के लखनऊ दफ्तर में पूछताछ के लिए पेश हुए थे। वहां दोपहर से शाम तक साढ़े छह घंटे तक उनसे पूछताछ हुई। इसके बाद गुरुवार को एल्विश यादव बनारस पहुंचे। इस दौरान एल्विश के साथ उनकी पूरी टीम मौजूद रही। एल्विश ने मंदिर में पूरी टीम के साथ दर्शन किया और परिसर में ही प्रतिबंधित इलाके में फोटो शूट कराया। एल्विश की फोटो में मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्रा भी दिख रहे हैं। एल्विश की फोटो वायरल हुई तो इसकी शिकायत अधिवक्ताओं के एक दल ने पुलिस कमिश्नर से की।
अधिवक्ताओं में शामिल प्रतीक कुमार सिंह ने पुलिस कमिश्नर को दिए शिकायती पत्र में लिखा कि काशी विश्वनाथ मंदिर प्रांगण में मोबाइल फोन और कैमरे का इस्तेमाल प्रतिबंधित है। प्रतिबंधित क्षेत्र में लगातार हो रहे कैमरे के इस्तेमाल से नियमित श्रद्धालुओं की भावना आहत हो रही है। मंदिर की सुरक्षा में भी सेंध लगने की संभावना है। अधिवक्ताओं की शिकायत पर ज्वाइंट सीपी ने जांच की बात कही है।
कांग्रेस आक्रोशित
एल्विश यादव की फोटो सामने आने के बाद कांग्रेस एक बार फिर आक्रोशित है। विश्वनाथ मंदिर के कार्यपालक अधिकारी और वहां के अन्य अधिकारियों को निशाने पर लिया है। कांग्रेस के वाराणसी महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि दक्षिण की अभिनेत्री तमन्ना भाटिया तक मंदिर के उस हिस्से में जाकर फोटो शूट करा लेती हैं लेकिन जनप्रतिनिधि राहुल गांधी तक को फोटग्राफी की इजाजत नहीं दी गई थी। कहा कि भारत जोड़ो यात्रा लेकर बनारस पहुंचे राहुल गांधी भी विश्वनाथ मंदिर में बाबा का दर्शन करने पहुंचे तो कांग्रेस के कैमरामैन को भी रोक दिया गया था। सवाल किया कि जब देश के इतने बड़े नेता को वहां फोटोग्राफी की इजाजत नहीं दी गई तो कैसे अभिनेत्रियों और यूट्यूबरों को इजाजत दी जा रही है।
एल्विश बोले, बदल गया है विश्वनाथ मंदिर
मंदिर में दर्शन के बाद एल्विश यादव ने कहा कि वह पहली बार 2020 बनारस आए थे। अब पूरा विश्वनाथ मंदिर काफी बदल गया है। उन्होंने गंगा में नाव की सवारी भी की और गंगा घाटों का भ्रमण किया। वाराणसी में उन्होंने गोदौलिया चौक की प्रसिद्ध ठंडई का भी स्वाद लिया। इसके अलावा उन्होंने पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया।