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ग्राम प्रधानों के लिए नवंबर में कई घोषणा कर सकती है योगी सरकार, बातचीत में मांगों पर बनी सहमति

ग्राम प्रधानों को योगी सरकार जल्द ही सौगात दे सकती है। दो लाख के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोत्तरी के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कल्याण कोष स्थापित हो सकता है। अपनी कई मांगों को...

ग्राम प्रधानों के लिए नवंबर में कई घोषणा कर सकती है योगी सरकार, बातचीत में मांगों पर बनी सहमति
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,लखनऊMon, 25 Oct 2021 07:17 PM

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ग्राम प्रधानों को योगी सरकार जल्द ही सौगात दे सकती है। दो लाख के वित्तीय अधिकारों में बढ़ोत्तरी के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कल्याण कोष स्थापित हो सकता है। अपनी कई मांगों को लेकर राष्ट्रीय पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन की यूपी इकाई का एक प्रतिनिधि मण्डल सोमवार को पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह से मिला। संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार के साथ आठ सूत्रीय मांगों को लेकर प्रधानों की वार्ता अब अन्तिम दौर में पहुंच गई है। नवंबर के पहले सप्ताह में सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। पंचायतीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने यह जानकारी प्रतिनिधि मण्डल को दी है।

अपर मुख्य सचिव के साथ प्रतिनिधि मंडल की वार्ता में मांगों पर विचार विमर्श किया गया। राष्ट्रीय प्रवक्ता ललित शर्मा ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त की बैठक में दिये गए मांग पत्र पर सहमति बनी है। प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अखिलेश सिंह के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता में अधिकारों की वृद्धि पर सहमति बनी है। दो लाख के वित्तीय अधिकारों में वृद्धि के साथ पंचायत प्रतिनिधियों के लिए कल्याण कोष स्थापित करने की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि राज्य स्तर पर धनराशि के मात्राकरण के जरिये मानदेय में वृद्धि पर सहमति बनी है। नरेगा के तहत भुगतान का अधिकार प्रधानों को दिए जाने पर शासन राजी हो गया है। कार्य प्रणाली में सुधार की दिशा में भी कई मुददों पर रजामंदी बनी है। पंचायत की धनराशि से आर्किटेक्ट तथा इंजीनियर की सुविधाएं लेने का निर्णय लिया गया है।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने बताया कि सचिवों की तैनाती आस-पास की पंचायतों में किए जाने का वादा शासन ने किया है। प्रशासनिक मद में 10 प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराए जाने के साथ जिला योजना में प्रधानों के दो प्रतिनिधियों को शामिल किए जाने का सैद्धांतिक निर्णय भी लिया गया है। अपर मुख्य सचिव से प्रधानों के राज्य स्तरीय अधिवेशन की मांग की गयी है।

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