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हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेशपूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का पुनर्वास करेगी योगी सरकार, हर परिवार को देगी दो एकड़ जमीन और मकान

पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का पुनर्वास करेगी योगी सरकार, हर परिवार को देगी दो एकड़ जमीन और मकान

राज्य सरकार ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से यूपी के कानपुर आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने को 200 वर्ग मीटर जमीन दिया जाएगा।...

पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का पुनर्वास करेगी योगी सरकार, हर परिवार को देगी दो एकड़ जमीन और मकान
Sneha Baluniप्रमुख संवाददाता,राज्य मुख्यालयThu, 11 Nov 2021 05:47 AM

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राज्य सरकार ने वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से यूपी के कानपुर आए 63 हिंदू बंगाली परिवारों का नए सिरे से पुनर्वास करेगी। उन्हें खेती के लिए दो-दो एकड़ और घर बनाने को 200 वर्ग मीटर जमीन दिया जाएगा। मकान बनाने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना से पैसा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

प्रदेश में वर्ष 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से बंगाली परिवार आए थे। इन्हें रोजगार देकर मदन कपास मिल में पुनर्वास किया गया। पांच साल बाद यह मिल बंद हो गई। इसके चलते 63 हिंदू बंगाली परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। ऐसे परिवार पिछले 30 सालों से संघर्ष कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इन्हें पुनर्वासित करने के लिए बुधवार को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इनके लिए कानपुर देहात में 300 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है।

एनआरईजीएस से भूमि विकास व सिंचाई की सुविधा दी जाएगी। इसके साथ ही मनरेगा से यहां काम कराया जाएगा, जिससे इन्हें अच्छी सुविधाएं मिल सके। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह जल्द ही जमीन देखने जाएंगे और पुनर्वास संबंधी जानकारियां लेंगे। पूर्वी पाकिस्तान से वर्ष 1970 में विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन के लिए व्यवस्था की गई थी। 

यह पुनर्वासन केंद्र सरकार द्वारा 332 परिवारों को सहायता देकर उड़ीसा एवं बदायूं में आवासीय एवं कृषि भूमि उपलब्ध कराकर पुनर्वासित किया गया था। अवशेष 65 हिंदू बंगाली परिवारों को मदन सूत मिल, हस्तिनापुर, जनपद मेरठ में नौकरी देकर पुनर्वासित किया गया था। इस मिल के दिनांक 8 अगस्त, 1984 को बंद हो जाने के कारण 65 परिवारों, जिसमें 2 परिवारों के सदस्यों की मृत्यु हो चुकी है। अतः 63 परिवार पुनर्वासन हेतु प्रतीक्षित हैं।

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