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50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोत्तरी पर नगर निगमों को 100 करोड़ का अनुदान देगी योगी सरकार, एसओपी जारी

योगी सरकार शहरों के सर्वांगीण विकास और नगरीय स्थानीय निकायों के रेवेन्यू कलेक्शन में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नगर विकास विभाग ने सभी निकायों के लिए मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना....

50 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ोत्तरी पर नगर निगमों को 100 करोड़ का अनुदान देगी योगी सरकार, एसओपी जारी
Dinesh Rathourविशेष संवाददाता,लखनऊThu, 25 Jul 2024 07:27 PM
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योगी सरकार शहरों के सर्वांगीण विकास और नगरीय स्थानीय निकायों के रेवेन्यू कलेक्शन में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रही है। नगर विकास विभाग ने सभी निकायों के लिए मुख्यमंत्री वैश्विक नगरोदय योजना की शुरुआत की है। नगर निगमों में न्यूनतम 25 प्रतिशत कर व गैर कर वसूली में वृद्धि करने वालों को न्यूनतम 2.5 करोड़ और अधिकतम 50 करोड़ रुपये दिया जाएगा। इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कर दी गई है।

इसी तरह पालिका परिषदों व जिला मुख्यालयों (एक लाख से अधिक जनसंख्या) में न्यूनतम 15 प्रतिशत कर व गैर कर में वृद्धि करने वालों को न्यूनतम 25 लाख और अधिकतम 20 करोड़ रुपये और एक लाख से कम जनसंख्या जनसंख्या वाले पालिका परिषद और नगर पंचायतों में न्यूनतम 10 प्रतिशत कर व गैर कर वसूली में वृद्धि करने वालों को न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम पांच करोड़ रुपये अनुदान दिया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में 50 प्रतिशत से अधिक राजस्व वृद्धि करने, नई परियोजनाएं, राजस्व बढ़ाने वाली परियोजनाएं और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के लिए प्रति नगर निगम अधिकतम 100 करोड़ रुपये की निधि जारी की जा सकती है।

वर्ष 2022-23 की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ाया जाएगा, जो पात्रता मानदंड होगा। यह योजना 2024-25 से शुरू होकर पांच वर्षों के लिए लागू रहेगी। 2024-25 में इस योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की धनराशि की व्यवस्था की गई है। इस योजना से उत्तर प्रदेश के समस्त 762 नगरीय स्थानीय निकायों को लिया जाएगा। यह योजना राज्य के समस्त नगरीय क्षेत्रों में सतत आर्थिक वृद्धि, समानता और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाने के लिए 3-ई दृष्टिकोण अपनाएगी। योजना के प्रयोजन के लिए नगरीय स्थानीय निकाय के प्रकार, जनसंख्या और क्षेत्रफल के आधार पर नगरीय स्थानीय निकाय को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। श्रेणी-1 में नगर निगम (3 लाख से अधिक जनसंख्या), श्रेणी-2 में नगर पालिका परिषद एवं जिला मुख्यालय (1 लाख से अधिक जनसंख्या) और श्रेणी-3 में नगर पालिका परिषद, नगर पंचायतें और जिला मुख्यालय (1 लाख से कम जनसंख्या) को शामिल किया गया है। इन श्रेणियों के तहत विभिन्न परियोजनाएं अनुमन्य की गई हैं।